आकाश में स्थित नौ ग्रहों में से मंगल ग्रह एक क्रूर ग्रह है जो कि रंग में तांबे की तरह लाल दिखाई देता है। मंगलवार को किए गए उपाय मंगल की पीड़ा को कम करते हैं। वहीं इसकी क्रूर नजर के दोष को कम करते हैं। मंगल के कुप्रभाव को कम करने के लिए निम्न मंत्र -:
"ऊँ अग्निमूर्धादिव: ककुत्पति: पृथिव्यअयम। अपा रेता सिजिन्नवति ।"
ऊँ क्षिति पुत्राय विदमहे लोहितांगाय धीमहि-तन्नो भौम: प्रचोदयात
ॐ ॐ अंगारकाय नम:।
ऊँ हां हंस: खं ख:
ऊँ हूं श्रीं मंगलाय नम:
ऊँ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:
मंगल ग्रह का रत्न, मूंगा है। मंगल क्रूर होने, नीच स्थान में होने या फिर फलदायी होने पर उसके बुरे फल से बचाव हेतु मूंगा धारण करना चाहिए। यदि इसे खरीदा जाना किसी के लिए संभव न हो तो वह संग मूंगी, लाल तामड़ा, लाल जेस्पर, कहरूवा (अम्बूर) अथवा विद्रुम मणि धारण कर सकते हैं।