शनि का नाम लेते ही मन में भय व शंका घर कर जाती है। शनि ग्रह शनिवार के स्वामी हैं। यदि आपका शनि आपसे रुष्ट है तो इस ग्रह की शांति के लिए निम्न उपाय करें -:
ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।
ऊं सूर्यपुत्राय विद्महे नीलांजनाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोदयात्। नैश्चराय नमः।
ऊॅं ऐं हृीं श्रीं शनैश्चराय नमः।
ऊॅं प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।
शनि ग्रह का रत्न है नीलम। शनि की पॉजिटीविटी को बढ़ाने के लिए यह रत्न लाभकारी है। यह रत्न अपना असर बहुत तेजी से दिखाता है इसलिए इसे कभी भी बिना ज्योतिषी की सलाह के नहीं पहनना चाहिए। यदि आप इस रत्न को खरीद पाने में असमर्थ हैं तो नीलम के स्थान पर लीलिया और जामुनिया धारण किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त जिरकॉन, कटैला, लाजवर्द, नीला तामड़ा, नीला स्पाइनेल या पारदर्शी नीला तुरमली भी पहना जा सकता है।