क्या है शनि साढ़े साती ?
शनि ग्रह के कुंडली में जन्म की राशि एवं नाम की राशि से बारहवें, प्रथम या दूसरे भाव में होने पर शनि की यह गोचर स्थिति शनि की साढ़ेसाती कहलाती है। शनि साढ़े साती की अवधि 7.5 साल तक की होती है एवं इस अवधि को काफी अशुभ माना जाता है।
इसके प्रभाव में जातक को अनेक चुनौतियों और समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शनि के अशुभ स्थान में होने के कारण जातक को कई नकारात्मक प्रभाव झेलने पड़ते हैं लेकिन परिश्रमी और ईमानदार जातकों को शनि शुभ प्रभाव भी देता है।
प्रभावित जातक
- शनि के प्रभाव में महिलाएं निराशावादी बनती हैं। वह मूडी और संवेदनशील होती हैं। वहीं दूसरी और पुरुष जातक शनि के प्रभाव में परिश्रमी बनते हैं एवं इनका शारीरिक स्वरूप दुबला होता है। इन्हें भीड़ से दूर रहना अच्छा लगता है। यह जातक अपने काम के प्रति ईमानदार होते हैं।
- वृषभ, तुला, मकर और कुंभ राशि वाले जातकों को शनि का दुष्प्रभाव कम ही झेलना पड़ता है। जबकि शनि सबसे ज्यादा मेष, कर्क, सिंह और वृश्चिक राशि वाले जातकों को पीडित करता है।
प्रभाव
- जातक अपने जीवन के सकारात्मक पहलुओं को पहचानने में असमर्थ हो जाता है। उसे अपने जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं लगता।
- अपने आसपास नकारात्मकता को देखकर व्यक्ति कमज़ोर महसूस करने लगता है।
- शनि की साढ़े साती की शुरुआत में जातक को शारीरिक पीड़ा झेलनी पड़ती है।
- इससे प्रभावति जातक के माता-पिता को कष्ट होता है।
- साढ़े साती के दूसरे चरण में जातक को अत्यधिक मेहनत करनी पड़ती है।
- परिवार में किसी बड़े सदस्य की मृत्यु की संभावना बनी रहती है।
- साढ़ेसाती के तीसरे चरण में जातक को मृत्यु के समान पीड़ा झेलनी पड़ती है।
उपाय
- साढ़ेसाती से प्रभावित जातक को सात मुखी रुद्राक्ष माला धारण करनी चाहिए।
- नीलम धारण करने से भी लाभ होगा।
- नियमित रूप से भगवान शिव की आराधना करें।
- नियमित सुंदरकाण्ड और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- शनिवार के दिन सुबह के समय पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं। यह उपाय काफी असरकारी है।
- शनि की साढ़ेसाती के दौरान काले घोड़े के नाल की अंगूठी या नाव के कील की अंगूठी पहनना लाभकारी होता है।
- शनिवार के दिन तिल अैर तेल का दान करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं।
- जिन जातकों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती चल रही हो उन्हें शनिवार के दिन व्रत रखना चाहिए एवं शनिवार के दिन दान दें। इस उपाय को करने से शनि की साढ़ेसाती के दौरान कष्टों में कमी आती है।
- शनि देव से जुड़ी वस्तुएं जैसे काली उड़द की दाल, तिल, लौह, काले कपड़े आदि का दान देना चाहिए। इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं।
- शनि देव की शांति के लिए शनि दोष शांति यंत्र का प्रयोग भी किया जा सकता है।