मोक्ष योग के बनने पर मनुष्य जन्म और मृत्यु के बंधन से मुक्त होता है। इस योग के प्रभाव में जातक के कर्म शुभ होते हैं और उसके मन में वैराग्य के भाव उत्पन्न होते रहते हैं।
मोक्ष पाना आसान बात नहीं है। बड़े-बड़े साधु-संतों को मोक्ष की प्राप्ति हेतु कई वर्षों तक घोर तपस्या करनी पड़ी थी। यहां तक कि भगवान बुद्ध को भी निर्वाण प्राप्त करने के लिए अपना संपूर्ण जीवन साधना में व्यतीत करना पड़ा था। कुंडली में मोक्ष प्राप्ति योग काफी शुभ माना जाता है। कुंडली में केवल इस योग के बनने से ही मनुष्य को मोक्ष मिल जाता है जिसे कई लोग घोर तपस्या के बाद हासिल कर पाते हैं।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सौरमंडल के कुछ ग्रह ऐसे हैं जिनके प्रभाव में आने पर मनुष्य सदमार्ग पर चलने की ओर प्रेरित होता है। सभी ग्रहों में गुरु सबसे अधिक शुभ ग्रह है। इसके प्रभाव में व्यक्ति सदा शुभ कर्मों के लिए प्रेरित रहता है। माना जाता है कि गुरु के शुभ स्थान में होने पर जातक अपने जीवन में सफलता और मान-सम्मान प्राप्त करता है।
इस योग से प्रभावित जातक के ऊपर भगवान की असीम कृपा देखी जाती है। ऐसे जातक अपने पूरे जीवन में परमात्मा को अपने निकट महसूस करते हैं। मोक्ष योग के प्रभाव में जातक आत्मविश्वास से लबरेज़ रहता है। मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति को भी वह दृढ़ता के साथ पार कर लेता है।
जैसा कि नाम से ही मोक्ष योग सुख की अनुभूति देता है वैसे ही इससे प्रभावित जातक भी सुखमय जीवन व्यतीत करते हैं। इन्हें अपने हर कार्य में सफलता हासिल होती है एवं इन जातकों में लीडर बनने की भी खूबी होती है। इनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है और समाज में इन्हें मान-सम्मान प्राप्त होता है। कभी-कभी इनकी बातों में क्रूरता और कड़वाहट भी आ जाती है।
वैसे तो मोक्ष प्रदानता की डोर ईश्वर के हाथ में है लेकिन मनुष्य अपने सत्कर्मों से भी मोक्ष पा सकता है। मोक्ष की प्राप्ति के लिए उसे स्वयं को मोह-माया से परे रखना होगा। इसके अलावा मोक्ष प्राप्ति के उपाय इस प्रकार हैं -: