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मोक्ष योग



 
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क्‍या है मोक्ष योग ?

मोक्ष योग के बनने पर मनुष्‍य जन्म और मृत्यु के बंधन से मुक्त होता है। इस योग के प्रभाव में जातक के कर्म शुभ होते हैं और उसके मन में वैराग्य के भाव उत्‍पन्‍न होते रहते हैं।

मोक्ष पाना आसान बात नहीं है। बड़े-बड़े साधु-संतों को मोक्ष की प्राप्‍ति हेतु कई वर्षों तक घोर तपस्‍या करनी पड़ी थी। यहां तक कि भगवान बुद्ध को भी निर्वाण प्राप्‍त करने के लिए अपना संपूर्ण जीवन साधना में व्‍यतीत करना पड़ा था। कुंडली में मोक्ष प्राप्‍ति योग काफी शुभ माना जाता है। कुंडली में केवल इस योग के बनने से ही मनुष्‍य को मोक्ष मिल जाता है जिसे कई लोग घोर तपस्‍या के बाद हासिल कर पाते हैं।

मोक्ष की ओर ले जाने वाले ग्रह

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सौरमंडल के कुछ ग्रह ऐसे हैं जिनके प्रभाव में आने पर मनुष्‍य सदमार्ग पर चलने की ओर प्रेरित होता है। सभी ग्रहों में गुरु सबसे अधिक शुभ ग्रह है। इसके प्रभाव में व्यक्ति सदा शुभ कर्मों के लिए प्रेरित रहता है। माना जाता है कि गुरु के शुभ स्‍थान में होने पर जातक अपने जीवन में सफलता और मान-सम्‍मान प्राप्‍त करता है।

प्रभावित जातक

इस योग से प्रभावित जातक के ऊपर भगवान की असीम कृपा देखी जाती है। ऐसे जातक अपने पूरे जीवन में परमात्‍मा को अपने निकट महसूस करते हैं। मोक्ष योग के प्रभाव में जातक आत्‍मविश्‍वास से लबरेज़ रहता है। मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति को भी वह दृढ़ता के साथ पार कर लेता है।

प्रभाव

जैसा कि नाम से ही मोक्ष योग सुख की अनुभूति देता है वैसे ही इससे प्रभावित जातक भी सुखमय जीवन व्‍यतीत करते हैं। इन्‍हें अपने हर कार्य में सफलता हासिल होती है एवं इन जातकों में लीडर बनने की भी खूबी होती है। इनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है और समाज में इन्‍हें मान-सम्‍मान प्राप्‍त होता है। कभी-कभी इनकी बातों में क्रूरता और कड़वाहट भी आ जाती है।

कुंडली में मोक्ष योग

  • यदि कुंडली के बारहवें भाव में शुभ ग्रह विराजमान है और बारहवें भाव का स्वामी अपनी राशि या मित्र राशि में बैठा है एवं इन्‍हें कोई शुभ ग्रह देख रहा है तो ऐसी स्थिति में जातक अपने शुभ कर्मों से मोक्ष प्राप्त करता है।
  • इसके अलावा जब कुंडली में केवल गुरू ही कर्क राशि में छठे, आठवें, प्रथम, चतुर्थ, सप्तम या दशम भाव में बैठा हो और अन्‍य सभी ग्रह कमजोर हों तो व्‍यक्‍ति के मोक्ष प्राप्‍ति के योग बनते हैं।
  • जब जन्‍मकुंडली में गुरु लग्‍न स्‍थान में मीन राशि में बैठा हो या दसवें घर में विराजमान हो या किसी अशुभ ग्रह की दृष्टि उस पर न पड़ रही हो तो ऐसी स्थिति में मोक्ष प्राप्ति का योग बनता है।

उपाय

वैसे तो मोक्ष प्रदानता की डोर ईश्‍वर के हाथ में है लेकिन मनुष्‍य अपने सत्‍कर्मों से भी मोक्ष पा सकता है। मोक्ष की प्राप्‍ति के लिए उसे स्‍वयं को मोह-माया से परे रखना होगा। इसके अलावा मोक्ष प्राप्‍ति के उपाय इस प्रकार हैं -:

  • यदि आप मोक्ष चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कि सबसे पहले आप वासना से भरे भावों को अपने मन से दूर कर दें।
  • योनि-पूजन, लिंगार्चन, भैरवी-साधना, चक्र-पूजा जैसी गुप्त साधनाओं के द्वारा भी मोक्ष प्राप्‍ति संभव है।
  • स्त्रियों के प्रति सम्‍मान और आदर भाव रखने वाला व्‍यक्‍ति भी मोक्ष प्राप्‍त के योग्‍य माना जाता है।
  • शास्‍त्रों के अनुसार दान-पुण्‍य करने से भी मोक्ष की प्राप्‍ति होती है।
 
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