सौरमंडल में परिक्रमा करते हुए चंद्र ग्रह, मनुष्य के जन्म के समय जिस राशि में होता है वही उसकी राशि कहलाती है। उस विशेष राशि और राशि के स्वामी के स्वभाव, गुण और दोष पर ही उससे संबंधित जातक का व्यवहार निर्भर करता है। ज्योतिष शास्त्र में भविष्यफल जानने के लिए इसी राशि का प्रयोग किया जाता है। यह चंद्र राशि कहलाती है।
इसके अलावा सूर्य राशि की भी मान्यता है जिसके अनुसार मनुष्य के जन्म के समय सूर्य जिस राशि में उपस्थित होगा वही उस समय जन्मे लेने वाले व्यक्ति की राशि होगी। इसे सूर्य राशि कहते हैं। सूर्य राशि के अंतर्गत मनुष्य के बाहरी व्यक्तित्व की जानकारी प्राप्त होती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्मकुंडली में 12 भाव उपस्थित होते हैं जिसमें से प्रथम भाव को लग्न कहा जाता है। लग्न का निर्धारण जातक के जन्म के समय पूर्वी क्षितिज में बनने वाली राशि पर निर्भर करता है।
लग्न के आधार पर जातक के स्वभाव, रूचि, दोष, गुण-अवगुण और चरित्र के बारे में पता लगाया जा सकता है। माना जाता है कि केवल लग्न ज्ञात होने से ही किसी मनुष्य के व्यक्तित्व और स्वभाव के बारे में जानकारी दी जा सकती है।
कई लोगों को अपनी चंद्र राशि, सूर्य राशि और लग्न भाव के बारे में जानकारी नहीं होती। लग्न कैलकुलेटर के द्वारा आपकी चंद्र राशि और लग्न के बारे में जानकारी दी जाती है। बड़ी संख्या में ज्योतिषाचार्य चंद्र राशि या लग्न के आधार पर ही भविष्यफल की जानकारी देते हैं।
इस राशि लग्न कैलकुलेटर से आप अपनी चंद्र राशि और लग्न भाव के बारे में जान सकते हैं।
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