ज्योतिषशास्त्र में शनि के रत्न नीलम का बड़ा महत्व है। कहते है नीलम रत्न में वह ताकद है जो राजा को रंक और रंक को राजा बना देता है। यह रत्न शनि...
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वैजयंती माला विजय और जीत का प्रतीक है। मान्यता है कि स्वयं श्रीकृष्ण ने राधाजी के लिए और भगवान राम ने सीता जी के लिए वैजयंती ...
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पुखराज पीले रंग का एक बेहद खूबसूरत रत्न है। पुखराज के बारे में बताया जाता है कि जिन जातकों की कुंडली में बृहस्पति कमज़ोर हो उन्हें पीला पुखरा...
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पुखराज बहुमूल्य रत्नों में से एक है। इस रत्न की रंगत पलाश के फूलों के जैसी होती है। इस रत्न का संबंध गुरु ग्रह से होता है। यह गुरु ग्रह के प...
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तुलसी की माला में विद्युत शक्ति होती है। तुलसी की माला भोजन करते समय शरीर पर होने से अनेक यज्ञों का पुण्य मिलता है।
मान्यता है ...
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मां दुर्गा के जाप के लिए लाल चन्दन की माला सर्वोत्तम माला मानी गयी है। इसके अलावा मंगल ग्रह की शान्ति के लिए भी लाल चन्दन की माला का प्रयोग ...
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सात चक्र माला जीवन में आ रही सभी परेशानी का एकमात्र समाधान है। यह समस्या खत्म करे या ना करे लेकिन आपको इतना सकारात्मक बन...
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माता लक्ष्मी की उपासना के लिए स्फटिक की माला शुभ मानी गई है। स्फटिक पंचमुखी ब्रह्मा का स्वरूप है। मां लक्ष्मी और संसार के रचयिता ब्रह्म...
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मां लक्ष्मी से संबंधित होने के कारण लघु नारियल धन संबंधी परेशानियों को चुटकियों में दूर करने की क्षमता रखता है।
लघु नारियल साम...
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काली हल्दी दिखने में अंदर से हल्के काले रंग की होती है। ज्योतिषीय दृष्टि से काली हल्दी बहुत ही गुणकारी होती है। इसमें वशीकरण की अद्&zwj...
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सिंदूरी रंग में उकेरी गई हनुमान जी की इस प्रतिमा से आपके सारे कष्ट दूर होते हैं। इस प्रतिमा में हुनमान जी की शक्तियां समाहित हैं ज...
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धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कमलगट्टे की माला सर्वोपरि है। कमल के फूलों का मां लक्ष्मी के पूजन में अत्य...
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अक्सर हम यह देखते है की कई लोग अपने घर के प्रवेशद्वार, ड्राइंग रूम, दहलीज या अपनी दुकान में घोड़े की नाल लगाते है। लोगों का मानना है की घोड़े ...
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मित्रों, ज्योतिष शास्त्र के बहुत महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है लाल किताब. इसमें दिए गए उपाय से आप अपने जीवन की हर बड़ी छोटी समस्या का समाधा...
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भगवान शिव की आंखों से गिरा प्रथम आंसू ही एकमुखी रुद्राक्ष है। इस रुद्राक्ष को सबसे अधिक कल्याणकारी और महत्वपूर्ण माना गया है। पूरे...
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दो मुखी रुद्राक्ष पेंडेंट में साक्षात शिव और पार्वती बसते हैं। इसे धारण करने के बाद आप अपनी सारी समस्याएं ईश्वर पर छोड़ दें वही आप...
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तीन मुखी रुद्राक्ष पेंडेंट को अग्नि देव का स्वरूप कहा गया है। जिस प्रकार अग्नि के संपर्क में आने से स्वर्ण भी शुद्ध...
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स्वयं ब्रह्मा जी का स्वरूप है चार मुखी रुद्राक्ष पेंडेंट। ब्रह्मा जी को सर्व वेदों का ज्ञाता भी कहा जाता है अत: चार मुखी रुद्...
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