1 पहला घर -: ऋण भाव के उचित स्थान पर होने की स्थिति में जातक के सेना में कमांडर या सिपाही बनने की संभावना है। वह रक्षा मंत्री या जेलर भी बन सकता है। ऋण भाव की कमजोर स्थिति में वह अपराधियों का मुखिया बन सकता है।
2 दूसरा घर -: शत्रुओं के कारण जातक को समृद्धि का ह्रास हो सकता है। ऋण भाव में कारक ग्रह के प्रभाव में पारिवारिक जीवन में चिंताएं बढ़ेंगीं। इन्हें हकलाने, कमजोर दृष्टि और दांतों की कोई समस्या रहेगी। दशा-भुक्ति या मारक ग्रह की स्थिति में छठे घर की कमजोर स्थिति या पीडि़त होने पर जातक को अपनी पत्नी से दूर जाना पड़ सकता है।
3 तीसरा घर -: जातक की अपने भाइयों के साथ शत्रुता बढ़ सकती है। आपके मामा आपके छोटे भाई को आपके खिलाफ भड़का सकते हैं या आपके भाई का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। ऋण भाव के पीडित होने पर आपके छोटे भाई के जीवन पर खतरा मंडरा सकता है।
4 चौथा घर -: जातक को अपनी माता से दूर जाना पड़ सकता है। शिक्षा में समस्याएं आ सकती हैं। ऋण भाव की कमजोर स्थिति में जातक के अपनी माता के साथ मतभेद अत्यधिक बढ़ सकते हैं।
5 पांचवा घर -: जातक को उसके मामा गोद ले सकते हैं एवं उनके बच्चों का स्वास्थ्य अधिकतर खराब रहेगा।
6 छठा घर -: इस जातक के मामा की लोकप्रियता बढ़ेगी। ऋण भाव के कमजोर लग्न स्वामी के साथ युति होने की स्थिति में जातक के अपने ही परिवार के साथ शत्रुतापूर्ण संबंध होंगें। यह किसी लाइलाज बीमारी से ग्रस्त हो सकते हैं।
7 सातवां घर -: यह जातक अपने ही किसी नजदीकी परिजन की बेटी से विवाह कर सकते हैं। ऋण भाव के पीडि़त होने की स्थिति में जातक का अपनी पत्नी से अलगाव अथवा इनकी पत्नी की मृत्यु भी संभव है। उभयलिंगी राशि अथवा नवाशा होने पर जातक की पत्नी बांझ बन सकती है। सातवें घर में छठे स्वामी के साथ लग्न स्वामी की स्थिति में जातक हिजड़ा बन सकता है।
8 अष्टम् घर -: जातक को कोई गंभीर रोग हो सकता है एवं वह एक स्त्री से संतुष्ट नहीं रह सकता जिसके कारण इनका वैवाहिक जीवन भी समस्याओं से भरा रहता है। यह कर्ज में दबे रहते हैं।
9 नवम् घर -: स्वामी के प्रबल होने की दशा में जातक न्यायधीश बन सकता है। इनके अपने पिता के साथ मतभेद हो सकते हैं एवं पैतृक चचेरे भाई-बहनों से लाभ होगा। इसके कारण आर्थिक समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है। इनमें नैतिक मूल्यों की कमी होती है।
10 दसवां घर -: यह जातक स्वभाव से स्वार्थी एवं भ्रष्ट होते हैं। ऋण भाव की कमजोर स्थिति होने पर जातक का जीवन गरीबी में गुजरता है एवं इन्हें नौकरी से निकाला जा सकता है।
11 ग्यारहवां घर -: जातक का भाई न्यायधीश के पद पर नियुक्त हो सकता है। ऋण भाव के कमजोर स्थिति में होने पर जातक का जीवन गरीबी में गुजरता है एवं इन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है।
12 बारहवां घर -: इन जातकों का स्वभाव रूखा होता है एवं यह कभी भी दूसरों के लिए अच्छा नहीं करते। ऋण भाव की कमजोर स्थिति में होने पर जातक को अपना जीवन गरीबी में गुजारना पड़ता है एवं वह अपने जीवन में दुखी रहता है।