

ज्योतिषशास्त्र में शनि के रत्न नीलम का बड़ा महत्व है। कहते है नीलम रत्न में वह ताकद है जो राजा को रंक और रंक को राजा बना देता है। यह रत्न शनि देव के शुभ प्रभाव को बढ़ाने में मदद करता है।
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विवरण
| रत्न: | 5.25 रत्ती |
| सर्टिफिकेट: | Government Approved Lab Certificate |
| धातु: | पंचधातु |
| वजन: | 3.5 से 5 ग्राम |
| माप: | फ्री साइज (Adjustable) |
ज्योतिषशास्त्र में शनि के रत्न नीलम का बड़ा महत्व है। कहते है नीलम रत्न में वह ताकद है जो राजा को रंक और रंक को राजा बना देता है। यह रत्न शनि देव के शुभ प्रभाव को बढ़ाने में मदद करता है।
शनि कुम्भ और मकर राशि का अधिपति ग्रह होता है, इसलिए शनि का यह नीलम रत्न कुंभ और मकर राशि के जातकों के लिए शुभ होता है।
नीलम की अंगूठी शुक्ल पक्ष में शनिवार के दिन सूर्योदय के पश्चात् शनि के मन्त्रों का 11 बार जाप करने के बाद धारण करे। धारण करने से पूर्व इस अंगूठी पर दूध, गंगाजल, शहद का छींटा लगा दें। उसके पश्चात् शनि देव के नाम की पांच अगरबत्तियां जलाएं और प्रार्थना करें की हे शनि देव, मैं आपका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यह अंगूठी धारण कर रहा हूँ, मुझे अपना आशीर्वाद प्रदान करें तथा 11 बार अगरबत्ती के ऊपर से अंगूठी घुमाते हुए ॐ शं शनिश्चराय नमः का जाप करें, उसके बाद यह अंगूठी मध्यमा अंगूली में धारण करें।
नीलम की अंगूठी को हमारे ज्योतिषाचार्यों ने शनि के मन्त्रों द्वारा अभिमंत्रित किया है, जिसके प्रभाव से जल्द ही आपको शुभ फल मिलते है। इस अंगूठी के साथ सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा, जो इस रत्न के ओरिजनल होने का प्रमाण है।