सुनेहला (सिट्रीन)रत्न पीले रंग का नरम तथा पूर्ण पारदर्शक रत्न होता है। यह पुखराज का उपरत्न है और पुखराज गुरु ग्रह का रत्न है इसलिए इसे पहनने से गुरू से संबंधित सभी लाभ मिलते हैं, मान-सम्मान की प्राप्ति होती है, निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है और सामाजिक कार्यों में रूचि बढ़ती है।
डिलीवरी: | 5-8 दिनों में डिलीवरी |
मुफ़्त शिपिंग: | पूरे भारत में |
फ़ोन पर ख़रीदें: | +91 82852 82851 |
अभिमंत्रित: | फ्री अभिमन्त्रण आचार्य रमन जी द्वारा |
विवरण
रत्न: | सुनेहला (सिट्रीन) |
भार रत्ती में: | 4.5- 7 रत्ती |
मूल: | ब्राज़ील |
अभिमंत्रित: | पंडित सूरज शास्त्री |
सुनेहला (सिट्रीन)रत्न पीले रंग का नरम तथा पूर्ण पारदर्शक रत्न होता है। यह पुखराज का उपरत्न है और पुखराज गुरु ग्रह का रत्न है इसलिए इसे पहनने से गुरू से संबंधित सभी लाभ मिलते हैं, मान-सम्मान की प्राप्ति होती है, निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है और सामाजिक कार्यों में रूचि बढ़ती है।
वैदिक ज्योतिष के अनुसार सुनेहला (सिट्रीन)रत्न गुरू से संबंधित है और यह धनु और मीन पर अधिकार रखता है इसलिए सुनेहला रत्न ( मीन और राशि ) के जातकों के लिए यह रत्न लाभकारी होता है। पश्चिमी ज्योतिष के अनुसार यह धनु राशि वालों का बर्थ स्टोन है।
कब और कैसे धारण करे:-
सुनेहला (सिट्रीन)रत्न बृहस्पति के दिन या गुरु की होरा में पहनना चाहिए ताकि पहनने वाले को इसका लाभ मिल सके लेकिन इससे पहले इस रत्न से जडित अंगूठी, ब्रेसलेट या लॉकेट को कच्चे दूध व गंगाजल के मिश्रण में डुबोए रखें ताकि वह शुद्ध हो जाए। इसके बाद पूजा-अर्चना करने पर ही यह रत्न धारण करना चाहिए। इस रत्न को आप चांदी या पंच धातु में बनवाकर धारण कर सकते हैं। याद रखे कि अंगूठी, ब्रेसलेट या लॉकेट मे सुनेहला (सिट्रीन)कम से कम सवा पांच रत्ती का अवश्य होना चाहिये।
इस रत्न को हमारे अनुभवी ज्योतिषी पंडित सूरज शास्त्री जी द्वारा अभिमंत्रित किया गया है जिससे यह आपको जल्द ही शुभ फल दे। इस रत्न के साथ सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा जो इस रत्न के ओरिजनल होने का प्रमाण है।
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I need pukhraj for my birth date I,e 06/03/1975 at Nagpur but time is little bit of doubt my family