शुरु हो गया है पौष का महीना, जानिए इस महीने में क्‍या है खास

हिंदू पंचाग के अनुसार हर महीने की अपनी खासियत होती है और हर महीने में किसी खास देवी-देवता की पूजा अर्चना होती है। दिसंबर से पौष का महीना शुरु हो गया है। इस महीने में सूर्य की उपासना की जाती है। ये महीना सूर्य देव की पूजा के लिए विशेष महत्‍व रखता है।

अगर पौष के महीने में नियमित सूर्य देव की उपासना की जाए तो सालभर व्‍यक्‍ति स्‍वस्‍थ और संपन्‍न जीवन जीता है। इस साल पौष का महीना 4 दिसंबर से शुरु होकर अगले साल 2 जनवरी तक रहेगा।

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क्‍यों दिया पौष माह नाम

इस महीने में ठंड बढ़ जाती है। विक्रम संवत में पौष का महीना दसवां महीना होता है। भारतीय महीनों के नाम नक्षत्रों पर आधारित हैं। जिस महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है उस महीने का नाम उसी नक्षत्र के आधार पर रखा जाता है।

पौष माह की पूर्णिमा को चंद्रमा पुष्‍य नक्षत्र में रहता है और इसी वजह से इस महीने को पौष का मास कहा जाता है।

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पौष माह में होती है इनकी पूजा

पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार इस महीने में सूर्य देव की पूजा उनके भग नाम से की जाती है। भग नाम सूर्य को ईश्‍वर का ही स्‍वरूप माना गया है। इस महीने में सूर्य को अर्घ्‍य देने और उपवास रखने का विशेष महत्‍व है। इस महीने में प्रत्‍येक रविवार को व्रत एवं उपवास रखने और तिल चावल की खिचड़ी का भोग लगाने से व्‍यक्‍ति तेजस्‍वी और आत्‍मविश्‍वासी बनता है।

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पौष के पूरे महीने को ही आध्‍यात्मिक दृष्टि से महत्‍वपूर्ण माना जाता है। इस माह में कुछ प्रमुख व्रत एवं त्‍योहार होते हैं। इस माह में दो एकादशी आएंगी जिनमें पहली कृष्‍ण पक्ष को सफला एकादशी और दूसरी शुक्‍ल पक्ष को पुत्रदा एकादशी।

इस माह में पड़ने वाली पौष अमावस्‍या और पौष पूर्णिमा का भी बहुत महत्‍व है। इस दिन अगर कोई पितृ दोष या कालसर्प दोष से मुक्‍ति पाने के लिए व्रत एवं उपवास के साथ पूजा करता है तो उसे निश्‍चित ही इन दोषों से मुक्‍ति मिलती है।

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पौष माह में कैसे करें सूर्य की उपासना

रोज़ सुबह उठकर स्‍नान के पश्चात् तांबे के लोटे से सूर्य को अर्घ्‍य दें। जल में रोली और लाल रंग के पुष्‍प जरूर डालें। जल चढ़ाते समय ‘ऊं आदित्‍याय नम:’ मंत्र का जाप करें।

इन चीज़ों से रहें दूर

  • इस माह में नमक का सेवन कम या ना के बराबर करना चाहिए।
  • चीनी की जगह गुड़ का सेवन करें।
  • मेवे और स्निग्‍ध चीज़ों का प्रयोग करें।
  • अजवायन, लौंग और अदरक का इस्‍तेमाल हितकारी है। इस महीने में ठंडे पानी का प्रयोग बिलकुल ना करें।
  • बासी खाने से दूर रहें।

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इस समय करें उपासना

पौष के महीने में मध्‍य रात्रि को साधना करना विशेष फलदायी माना जाता है। इस माह में गर्म कपड़े और अनाज का दान करें। लाल रंग के वस्‍त्रों का प्रयोग इस माह में भाग्‍य में वृद्धि करता है। कपूर की सुगंध ये पौष के महीने में सेहत बेहतर रहती है और कोई रोग परेशान नहीं करता है।

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