किसी राशि पर ग्रहों का प्रभाव घर में उपस्थित एक ग्रह और अन्य ग्रहों की युति पर निर्भर करता है। दो से अधिक ग्रहों की उपस्थिति में भी समान प्रभाव ही पड़ता है। आइए जानते हैं कि एक घर में चार ग्रहों की उपस्थिति का जातक पर क्या प्रभाव पड़ता है :-
सूर्य-चंद्रमा-मंगल-बुध
ये जातक अपने कार्यक्षेत्र में चतुर और कुशल होते हैं। इनमें अच्छे लेखक के गुण होते हैं। ये सांसारिक सुख के प्रति आकषित रहते हैं। यह जातक अधिकतर अस्वस्थ रहते हैं।
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सूर्य-चंद्रमा-मंगल-बृहस्पति
यह जातक एक निपुण लीडर बनते हैं। यह अमीर और चतुर होते हैं।
सूर्य-चंद्रमा-मंगल-शुक्र
यह जातक शक्तिशाली एवं अपने कार्यक्षेत्र में निपुण होते हैं। यह समृद्ध एवं प्रसिद्ध होते हैं। इन जातकों का बढिया सेंस ऑफ ह्यूमर होता है।
सूर्य-चंद्रमा-मंगल-शनि
इस युति के अंदर जातक किसी न किसी बीमारी से घिरा रहता है। इन्हें आंखों से जुड़ी समस्याएं अधिक होती हैं। यह धैर्यवान और धनी होते हैं एवं सुनार इनके लिए सर्वोत्त्म कार्य है।
सूर्य-चंद्रमा-बुध-बृहस्पति
ये जातक प्रसिद्ध और शिक्षित होते हैं। यह धनी और सुखी होते हैं लेकिन अमीर नहीं होते।
सूर्य-चंद्रमा-बुध-शुक्र
ये जातक तालाब और विश्राम घरों का निर्माण करते हैं। यह धार्मिक और दानी होते हैं। यह महत्वाकांक्षी एवं मैत्रीपूर्ण स्वभाव के होते हैं।
सूर्य-चंद्रमा-शुक्र-शनि
ये जातक अधिकतर बुरे कामों में लिप्त रहते हैं। इनका ध्यान महिलाओं पर ज्यादा रहता है। शरीर से कमजोर होते हैं।
सूर्य-चंद्रमा-बुध-बृहस्पति
ये जातक धनी व्यापारी बनते हैं। स्वभाव से धोखेबाज इन जातकों को कई बार अपमानित होना पड़ता है।
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सूर्य-चंद्रमा-बुध-शनि
इन जातकों में नेता एवं कवि बनने के गुण होते हैं। ये सुखी एवं आनंदमय जीवन जीते हैं। इन्हें समाज में मान-सम्मान मिलता है।
सूर्य-चंद्रमा-बृहस्पति-शनि
ये जातक व्यापार में अपार सफलता हासिल करते हैं। ये परिवार से प्रेम करते हैं एवं धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं। इन जातकों का पूरा समय और ऊर्जा अपने कार्य को ही समर्पित रहता है।
सूर्य-चंद्रमा-शुक्र-शनि
इन जातकों में नकारात्मक प्रभाव ज्यादा देखने को मिलता है। वह दूसरों का बुरा सोचते हैं और अपने ही परिवारजानों को नापसंद करते हैं। इन्हें साफ-सफाई भी पसंद नहीं होती।
सूर्य-बुध-बृहस्पति-शुक्र
इन जातकों के ज्यादा भाई-बहन होते हैं एवं यह अपना जीवन आनंदपूर्वक जीते हैं। इनमें नेताओं के गुण होते हैं जिस कारण ये अत्यधिक सम्मान पाते हैं। अपने आदर्शों पर चलने वाले इन जातकों का जीवन सुख-समृद्धि से भरा रहता है।
सूर्य-बुध-बृहस्पति-शनि
इस युति में पैदा होने वाले जातक अहंकारी और झगड़ालू स्वभाव के होते हैं। ये चिड़चिड़े और दुर्बल होत हैं। इनमें कवि, संपादक और विजेता बनने के गुण होते हैं।
सूर्य-बुध-शुक्र-शनि
सभी सुख-सुविधाएं होने के बावजूद ये जातक संतुष्ट नहीं रहते। ये जातक धार्मिक एवं बातूनी प्रवृत्ति के होते हैं।
चंद्रमा-मंगल-बुध-बृहस्पति
इन जातकों को कला के क्षेत्र के विभिन्न रूपों की जानकारी होती है। यह सहायक होते हैं एवं सामाजिक कार्यों में रूचि रखते हैं। इनका जीवन सुखपूर्वक व्यतीत होता है।
चंद्रमा-मंगल-बुध-शुक्र
ये जातक सुस्त, असहयोगी और झगड़ालू होते हैं। इनका जीवन सुखपूर्वक व्यतीत होता है।
चंद्रमा-मंगल-बुध-शनि
इन जातकों की पत्नी अच्छी होती है। इनका मन अशांत रहता है। लेकिन इनमें दृढ़ इच्छाशक्ति और साहस होता है।
चंद्रमा-मंगल-बृहस्पति-शुक्र
ये जातक महिलाओं के बीच अधिक लोकप्रिय रहते हैं। यह दयालु, धनी एवं सामाजिक कार्यों में रूचि रखने वाले होते हैं। ये परोपकारी होते हैं जो सभी से सम्मान प्राप्त करते हैं।
चंद्रमा-मंगल-बृहस्पति-शनि
ये जातक शास्त्रों के ज्ञानी होते हैं। यह साहसी, धनी एवं बहादुर होते हैं। इनमें सर्मपण और धैर्य की भावना होती है।
चंद्रमा-मंगल-शुक्र-शनि
इन जातकों में नैतिकता और मार्गदर्शन की कमी होती है। ये बातूनी होते हैं।
चंद्रमा-बुध-बृहस्पति-शुक्र
ये जातक धनी, सुखी और बुद्धिमान होते हैं। यह अपने माता-पिता का ख्याल रखते हैं एवं धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं।
चंद्रमा-बुध-बृहस्पति-शनि
ये जातक चतुर होते हैं एवं जीवन में प्रसिद्धि और सम्मान पाते हैं। इन्हें अपने भाई-बहनों से प्रेम होता है। इनमें कवि बनने के गुण होते हैं।
चंद्रमा-बुध-शुक्र-शनि
ये जातक आत्मनिर्भर होते हैं किंतु इनका चरित्र अच्छा नहीं होता। अपने छल-कपट के कारण ये दूसरों को नापसंद आते हैं।
चंद्रमा-बृहस्पति-शुक्र-शनि
ये गरीबी में जीवनयापन करते हैं और दुखी रहते हैं। त्वचा रोग से गस्त रहते हैं।
मंगल-बुध-बृहस्पति-शुक्र
ये जातक बुद्धिमान और उज्जवल होते हैं। अपने समर्पण भाव और ईमानदारी के कारण ये जातक मान-सम्मान प्राप्त करते हैं। लेकिन इन्हें अपनी क्षमता के अनुकूल फल नहीं मिलता।
मंगल-बुध-शुक्र-शनि
इन जातकों को जीवन में सफलता मिलती है। ये बहादुर और प्रसिद्ध होते हैं। बॉडी बिल्डिंग में इनकी रूचि हो सकती है।
मंगल-बृहस्पति-शुक्र-शनि
ये जातक क्रोधी, साहसी और धनी होते हैं। ये निर्णय लेने में विलंब नहीं करते एवं इनकी महिलाओं में अधिक रूचि होती है।
बुध-बृहस्पति-शुक्र-शनि
ये जातक धार्मिक और आज्ञाकारी होते हैं। अपने पूरे जीवन में ये माता-पिता की सेवा करते हैं। ये ईमानदार और विश्वसनीय होते हैं।
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Surya Budh Rahu Shani in 10 th house kya hoga sir?
मिथुन लग्न की कुंडली में सूर्य शुक्र चन्द्र केतु एक साथ बैठे हो तो व्यक्ति जीवन कैसा हो गा
मंगल(लग्नेश),सूर्य,शनि,केतु की युति कैसी होती है
Tula lagna mein 3 bhav Dhanu rashi Budh+Surta+mangal+sukhra ki yukti
मंगल गुरु शनि और राहु का ग्यारहवें भाव मे होने का फल
Sir agar chandra mangal shani ketu ki yuti ho aise vyakti ka syabhav kaisa hoga
Surya shani budhha chandra
Rahu budh sury sukr 7th house mai hone se kya labh hota hai
सूर्य शुक्र शनि केतु 12 वे घर मे हो तो क्या प्रभाव होगा
जब लग्न मेष व लग्न में बुध राशि कुम्भ मंगल 5वे घर मे हो
गुर 10वे में
Makar lagn ki kindly me 10 house me Surya budh Shani rahu par ketu aur brihaspasti ka pancham dristi ka fal sir
Surya budh Sani ketu in 3rd house?
Saptam bhav me surya mangal budh mangal ki yuti seventh House me aapne ye combination nahi bataya ji
9th house me surya budh guru rahu
Agar Surya Chandra budh aur rahu Simha lagna me ho to kyaa hoga sir
मेर्ष लग्न में सूर्य,शुक्र,गुरु,केतु का प्रभाव
Sir mera naam deepak dob .28/02/1998 time 6:40am {uttarpradesh} meri koi job nahi lag rhi h
Surya budh shukr rahu 11th house mein ho to kya parinam dete h