क्या होता है नवरत्न?
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नवरत्न का अर्थ है – 9 प्रमुख रत्न, जो नवग्रहों से संबंधित होते हैं। ये हैं:
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माणिक (सूर्य)
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मोती (चंद्रमा)
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मूंगा (मंगल)
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पन्ना (बुध)
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पुखराज (गुरु)
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हीरा (शुक्र)
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नीलम (शनि)
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गोमेध (राहु)
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लहसुनिया (केतु)
इन सभी रत्नों को एक ही अंगूठी या लॉकेट में धारण करना नवग्रहों का संतुलन लाता है।
नवरत्न अंगूठी या लॉकेट के प्रमुख लाभ:
✅ 1. नवग्रहों का संतुलन लाता है
अगर किसी की कुंडली में ग्रहों की स्थिति अशुभ हो या दशा-महादशा ठीक न हो, तो नवरत्न सभी ग्रहों को संतुलित कर शुभ फल देने में मदद करते हैं।
✅ 2. भाग्यवृद्धि और सफलता में सहायक
यह अंगूठी या लॉकेट पहनने से कार्यों में सफलता, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से व्यापार और नौकरी में लाभ होता है।
✅ 3. नजर दोष और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव
नवरत्न लॉकेट विशेष रूप से बुरी नजर, नकारात्मक ऊर्जा और टोटकों से बचाने में प्रभावी माना जाता है।
✅ 4. स्वास्थ्य में सुधार
जब शरीर पर सही रत्नों का संपर्क होता है, तो यह मानसिक और शारीरिक ऊर्जा को संतुलित करता है। बीमारियों से बचाव और रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।
✅ 5. शांति, आत्मविश्वास और मन की स्थिरता
यह पहनने से व्यक्ति मानसिक रूप से शांत, आत्मविश्वासी और एकाग्रचित्त होता है। तनाव और चिड़चिड़ेपन से राहत मिलती है।
✅ 6. आभा और आकर्षण में वृद्धि
नवरत्न प्राकृतिक रूप से चमकदार होते हैं और व्यक्ति के व्यक्तित्व में आभा तथा आकर्षण बढ़ाते हैं।
🧿 कौन पहन सकता है?
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पुरुष और महिलाएं दोनों इसे पहन सकते हैं
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जिनकी कुंडली में ग्रह दोष हैं
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जिनके कार्यों में रुकावटें आ रही हैं
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जिनके जीवन में बार-बार आर्थिक या मानसिक तनाव रहता है
कैसे पहनें?
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अंगूठी: रविवार या गुरुवार को सूर्य उदय के समय दाहिने हाथ की अनामिका (रिंग फिंगर) में
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लॉकेट: किसी भी शुभ दिन, स्नान के बाद धूप-दीप दिखाकर गले में धारण करें
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अभिमंत्रित किया हुआ नवरत्न कछुआ अंगूठी