दीपावली के दिन घर के दरवाजे पर तोरण लगाना क्यों होता है शुभ, जानिए जरुर

दीपावली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए घर के मुख्य द्वार पर तोरण लगाने की परंपरा बहुत प्राचीन समय से चली आ रही हैं। हमारा घर और घर का मुख्य द्वार हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता हैं क्योंकि घर का द्वार यानि दरवाजा ही हमारी खुशहाली, समृद्धि और शांति के द्वार खोलता हैं। दरवाजा हमेशा सही दिशा में और सही सलामत होना चाहिए, टूटाफूटा दरवाजा, तिकोना, दक्षिणमुखी दरवाजा हमेशा जातक के जीवन में नई नई मुसीबतों को बुलावा देने का काम करता है, घर में प्रसन्नता तथा खुशियों भरा वातावरण बनाए रखने के लिए हमें अपने दरवाजे को किस तरह से सजाना चाहिए और तोरण का क्या महत्व है, आज इस लेख के माध्यम से जानेंगे।

1- गेंदे के फूलों और आम के पत्तों से बना तोरण

हम सभी जानते हैं की दीपावली के दिन या किसी भी शुभ कार्य से पहले घर के मुख्य द्वार पर तोरण लगा दिया जाता हैं, अगर पारम्पारिक तोरण की बात करें तो आम और अशोक के पत्तों तथा गेंदे के फूलों को पिरोकर यह तोरण बनाया जाता हैं, अगर इसके पीछे का तथ्य देखा जाए तो आम के पत्तों में एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं और गेंदे के फूल में भी औषधीय गुण होते हैं और इसकी सुगंध बहुत तेज होती हैं, जिसके कारण घर में बीमारिया, दुःख, समस्याएं नहीं आती, घर में नकारात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं करती। गेंदे के फूलों का रंग नारंगी और पीला होता है और पत्तों का रंग हरा यह रंग शुभ और पवित्र माने जाते हैं और किसी भी नए काम की शुरुआत हो या मांगलिक कार्य हो इन रंगों का अपना महत्व हैं, दीपावली के दिन इस प्रकार से पिरोया गया तोरण शुभ प्रतीक माना जाता हैं, इसके प्रभाव से घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती, घर में सदा रूपये-पैसे की बरकत देखने को मिलती हैं।

2 – आम, पीपल या अशोक के पत्तों का तोरण  

घर के मुख्य दरवाजे पर आम के, पीपल के तथा अशोक के पत्तों का भी तोरण अथवा बंदनवार बनाकर कई लोग अपने घर के मुख्य दरवाजे पर लगाते हैं, कहते हैं इन पत्तों में भीनी-भीनी सुगंध होती हैं, जिसके कारण देवता आकर्षित होकर घर में प्रवेश करते हैं और घर में जो भी नकारात्मक शक्तियां होती हैं उनका समूल नाश होता हैं।

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3 – आर्टिफिशियल तोरण

दीपावली के समय लोगों को अपनी और आकर्षित करने के लिए न जाने कितने प्रकार के आर्टिफिशियल तोरण बाजार में उपलब्ध हैं। आर्टिफिशियल फूल, स्वस्तिक, सीप, क्रिस्टल, ॐ जैसी आकृति के अनेक तोरण बाजार में मिलते हैं, इससे दीवाली की सजावट में चार चाँद लग जाते हैं, घर की सुन्दरता बढ़ती हैं पर जब तक असली गेंदे के फूल और आम के पत्तों का तोरण नहीं लगाया जाता तब तक यह सुन्दरता फीकी नजर आती हैं।

4 – स्वस्तिक आकृति का तोरण

स्वस्तिक मंगलकारी प्रतिक चिन्ह हैं, दीपावली के दिन स्वस्तिक वाला तोरण लगाने से घर में साक्षात भगवान गणेश और लक्ष्मी का वास होता हैं क्योंकि स्वस्तिक श्री गणेश का ही प्रतीक स्वरुप है और दोनों तरफ दो-दो रेखाएं उनकी पत्नियाँ रिद्धि और सिद्धि है और दो पुत्र शुभ और लाभ है। शुभ लाभ पूजन से न केवल धन की प्राप्‍ति होती है बल्कि शुभ लाभ समृद्धि के द्वार खोलता है और उसे स्थायी व सुरक्षित रखते हैं इसके साथ ही आपके जीवन की सभी समस्‍याओं का निवारण करते है। उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य और दीर्घायु की प्राप्‍ति के लिए घर के मुख्य द्वार पर शुभ लाभ का तोरण लगाया जाता हैं।

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