गर्भ उपनिषद
गर्भ उपनिषद में स्त्री-पुरुष के संबंध बनाने से लेकर गर्भधारण की प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है। इसके साथ ही इस महान ग्रंथ में किन्नर के जन्म का भी वर्णन किया गया है। गर्भ उपनिषद में उल्लिखित है कि किस प्रकार या किस कारण से एक किन्नर का जन्म होता है। आज हम आपको गर्भ संस्कार के कुछ ऐसे नियमों के बारे में बताएंगें जिनका पालन नहीं करने पर पति-पत्नी के संबंध बनाने के बाद संतान के रूप में किन्नर का जन्म होता है।
हिंदू पंचांग 2019 पढ़ें और जानें वर्ष भर के शुभ दिन, शुभ मुहूर्त, विवाह मुहूर्त, ग्रह प्रवेश मुहूर्त और भी बहुत कुछ।
विशेष दिनों पर गर्भधारण
गर्भ संस्कार के अनुसार यदि स्त्री किसी शुभ दिन गर्भधारण करे तो उसे स्वस्थ एवं बुद्धिमान संतान की प्राप्ति होती है वहीं कुछ विशेष दिनों पर गर्भधारण करने से किन्नर का जन्म होता है।
जानें किस मुहूर्त में बच्चे का जन्म लेना रहेगा शुभ
मंगलवार
मंगलवार के दिन का स्वामी मंगल होता है। मंगल अत्यंत क्रोधी और विनाशकारी ग्रह माना गया है। इसलिए इस दिन किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही है।
हिंदू Panchang 2019 पढ़ें और जानें वर्ष भर के शुभ दिन, शुभ मुहूर्त, विवाह मुहूर्त, ग्रह प्रवेश मुहूर्त और भी बहुत कुछ।
मंगल ग्रह के प्रकोप से बचने के लिए करें ये उपाय
शनिवार
वहीं शनिवार के दिन का स्वामी शनि ग्रह है जो क्रूर और पापी ग्रह समझा जाता है। शनिवार के दिन गर्भधारण करने से जो संतान उत्पन्न होती है वह निराशावादी एवं नकारात्मक सोच वाली होती है।
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय
रविवार
रविवार का दिन सूर्य भगवान को समर्पित है। इसे शुभ दिन माना जाता है इसलिए इस दिन शारीरिक संबंध बनाना पाप कहलाता है।
गर्भ संस्कार के अनुसार
गर्भ संस्कार के अनुसार सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार गर्भधारण के लिए शुभ दिन हैं। इन चार दिनों के गर्भधारण से उत्पन्न हुई संतान गुणी, माता-पिता की आज्ञाकारी, सेहतमंद और मानसिक रूप से तेज होती है।
जानें किस मुहूर्त में बच्चे का जन्म लेना रहेगा शुभ
किसी भी जानकारी के लिए Call करें : 8285282851
ज्योतिष से संबधित अधिक जानकारी और दैनिक राशिफल पढने के लिए आप हमारे फेसबुक पेज को Like और Follow करें : Astrologer on Facebook