कुंडली में जब दो ग्रह एक साथ बैठे हों तो चमक सकती है आपकी किस्‍मत

किसी राशि पर ग्रहों का प्रभाव घर में उपस्थित एक ग्रह और अन्य ग्रहों की युति पर निर्भर करता है। दो से अधिक ग्रहों की उपस्थिति में भी समान प्रभाव ही पड़ता है। आइए जानते हैं कि एक घर में दो ग्रहों की युति का जातक पर क्या प्रभाव पड़ता है -:

सूर्य-चंद्रमा

इन जातकों में ज्‍योतिषशास्‍त्र सीखने की क्षमता होती है। ये गजब के मूर्तिकार होते हैं। यह लोहे और पत्थर के व्‍यापार में सफलता पाते हैं।

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सूर्य-मंगल

ग्रहों की यह युति जातक को क्रोधी, साहसी और परिश्रमी बनाती है। इन्‍हें अपने प्रयासों का प्रतिफल नहीं मिलता। इनमें प्रसिद्ध होने की क्षमता होती है।

सूर्य-बुध

इन जातकों में मधुरभाषी एवं विश्लेषणात्मक गुण होते हैं। यह अच्‍छे, संपादक और विचारक होते हैं।

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सूर्य-बृहस्‍पति

ये जातक ज्ञान का भंडार होते हैं। इन्‍हें बड़ी आसानी से वरिष्‍ठ अधिकारियों और प्रसिद्ध लोगों से सहयोग प्राप्‍त होता है।

सूर्य-शुक्र

इन जातकों का मन हमेशा यौन विचारों से भरा रहता है। पेशे से यह पेंटर होते हैं। इन्‍हें अधिकतर नेत्र रोग परेशान करते हैं।

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सूर्य-शनि

ये जातक धार्मिक होते हैं। इन्‍हें धातुओं का अच्‍छा ज्ञान और जानकारी होती है।

सूर्य-मंगल

इन जातकों की कुंडली में लक्ष्‍मी योग होता है अर्थात् यह अत्‍यंत धनी होते हैं। ये जिस भी क्षेत्र में अपनी किसमत आज़माते हैं उसमें सफल होते हैं। यह एक सफल व्‍यापारी होते हैं। ये कलाकार और साहसी होते हैं।

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चंद्रमा-बुध

ये जातक धार्मिक और दयालु होते हैं। यह संपादक के रूप में कई पुरस्‍कार और सम्‍मान प्राप्‍त करते हैं।

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चंद्रमा-बृहस्‍पति

ये जातक रोमांटिक,  स्‍वतंत्र, सहयोगी और धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं। इनकी रूचि समाजसेवा में होती है।

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चंद्रमा-शुक्र

ये जातक व्‍यापार में ही सबसे ज्‍यादा सफल होते हैं। यह जो भी कमाते हैं उसे अपनी जरूरतों को पूरा करने में ही खर्च करते हैं। यह यौन क्रियाओं में सक्रिय रहते हैं एवं इनका सेंस ऑफ ह्यूमर काफी बढिया होता है।

चंद्रमा-शनि

ये जातक मूर्ख होते हैं। इन्‍हें आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ता है। यह काफी सुस्‍त प्रवृत्ति के होते हैं।

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मंगल-बुध

इस युति में पैदा होने वाले जातक उच्‍च कोटि के डॉक्‍टर, वक्‍ता और मूर्तिकार बनते हैं। इन्‍हें शास्‍त्रों का अच्‍छा ज्ञान होता है।

मंगल-बृहस्‍पति

इन जातकों को संगीत से अत्‍यधिक प्रेम होता है एवं यह कोई न कोई संगीत वाद्य बजाना पसंद करते हैं। गणित में इन्‍हें महारत हासिल होती है। ये धार्मिक होते हैं।

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मंगल-बुध

ये जातक एक सफल व्‍यापारी बनते हैं एवं धातु का व्‍यापार करने पर इन्‍हें अधिक सफलता प्राप्‍त होती है। इनके पायलट बनने की संभावना है। यह परिश्रमी और योग प्रेमी होते हैं।

मंगल-शनि

इन जातकों को दिखावा करना पसंद होता है एवं यह धोखेबाज होते हैं। यह विश्‍वास करने योग्‍य नहीं होते हैं।

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बुध-बृहस्‍पति

ग्रहों की इस युति में पैदा होने वाले जातक बढिया वक्‍ता, कवि और गीतकार बनते हैं। इन्‍हें अपने जीवन में खूब नाम कमाने का मौका मिलता है।

बुध-शुक्र

ये जातक अपने जीवन में नेता और अकाउंट के क्षेत्र में सफलता पाते हैं। इन्‍हें बड़ी आसानी से वरिष्‍ठ अधिकारियों से लाभ प्राप्‍त होता है। यह अपने जीवन का भरपूर आनंद उठाते हैं।

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बुध-शनि

ये जातक बुद्धिमान होते हैं और  अपने जीवन में ज्ञान प्राप्‍त करते हैं। अपनी वाकपटुता के कारण ये जातक शिक्षा के क्षेत्र में सफलता पाते हैं। यह एक्‍टिंग में भी मंझे हुए कलाकार होते हैं।

बृहस्‍पति-शुक्र

इस युति के अंतर्गत आने वाले जातक बहुत सोच-विचार के बाद सही मार्ग का चुनाव करते हैं। इनका जीवन धन और स्‍वास्‍थ्‍य से संपन्‍न होता है।

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बृहस्‍पति-शनि

इस युति में विशेषज्ञ पैदा होते हैं जो जिस भी क्षेत्र में जाएं उसमें निपुणता हासिल करते हैं। यह आदरणीय, धनी और प्रसिद्ध होते हैं।

शुक्र-शनि

इन जातकों में पेंटिंग का हुनर होता है किंतु यह बहुत जल्‍दी बीमार पड़ते हैं। ये ज्‍यादा समृद्ध भी नहीं होते एवं इनकी प्रजनन क्षमता भी कम होती है।

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3 COMMENTS

  1. नमस्कार गुरु जी
    मेरी जन्म कुंडली मे मंगल बुध ग्रह की युति चतुर्थ भाव में है कन्या लग्न की कुंडली है मुझे कोनसा रत्न धारण करना चाहिए जन्म 16 जनवरी 1977
    समय रात्रि के 10 : 35 बजे
    स्थान फालन स्टेशन ,राजस्थान
    कृपया मार्ग दर्शन करे

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