स्वप्न
कहा जाता है कि स्वप्न हमारे मन के विचारों से जुड़े होते हैं। जिस चीज के बारे में हम अत्यधिक सोचते हैं वो नींद के समय हमारे सपने में भी आती है। सपने तो अच्छे भी होते हैं और बुरे भी। ज्योतिषशास्त्र में सपने आने के पीछे कई तरह के कारणों को आधार माना जाता है। कई लोग तो स्वप्न को शगुन-अपशुगन से भी जोड़कर देखते हैं।
भविष्य का सूचक
आज भी माना जाता है कि बुरे सपने बुरे भविष्य का सूचक हो सकता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार यदि समय रहते ही बुरे सपने का निवारण कर लिया जाए तो उसके दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। आज हम आपको बताते हैं बुरे सपनों के निवारण के कुछ उपाय -:
उपाय
– रात्रि के समय यदि कोई बुरा सपना आए तो अपने ईष्टदेव का नाम लें और उनके मंत्र का जाप करें। मंत्र का जाप तब तक करें जब तक कि आपका मन पूरी तरह से शांत नहीं हो जाता।
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उपाय
– मां दुर्गा अपने भक्तों को हर कष्ट से बचाती है। अत: मां भगवती की आराधना करें। बुरा स्वपन आने पर उठते ही स्नान कर दुर्गा सप्तशती में वर्णित तन्त्रोक्तं रात्रिसूक्तम का पाठ करें। विश्वास है कि इस पाठ से बुरे सपने का फल भी अच्छा मिलता है।
उपाय
– भगवान के ध्यान से बुरे से बुरा कष्ट भी टल जाता है। यदि आपने कोई बुरा सपना देखा है तो ‘विष्णु नारायणं कृष्णं रामं च श्री हरिं शिवम्, श्रियम् लक्ष्मीं राधिकां जानर्कीं प्रभां च पार्वतीम’ का 12 बार जाप करें। यह भगवान के 12 नाम हैं जिनका 12 बार उच्चारण करने से लाभ होता है और मन को शांति मिलती है।
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