प्रकृति में सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा दोनों का समावेश होता है। मनुष्य के लिए अपने आसपास फैली ऊर्जा को महसूस कर पाना थोड़ा मुश्किल होता है लेकिन कुछ लोग इस प्रकार की ऊर्जा को महसूस करने और देखने की क्षमता रखते हैं।
मनुष्य के जन्म से संबंधित ‘राक्षस गण’ वाले जातक इसी श्रेणी में आते हैं। इनमें अपने आसपास की ऊर्जा को पहचानने और महसूस करने की शक्ति होती है। ये लोग अन्य मनुष्यों की तुलना में अपने आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को जल्दी पहचान लेते हैं।
कल से शुरु हैं गुप्त नवरात्र, साधना से सिद्धि तक का सफर
क्या है राक्षस गण
राक्षस गण के नाम से ही आभास होता है कि जरूर इससे कोई नकारात्मक शक्ति जुड़ी होगी लेकिन यह अवधारणा बिलकुल गलत है। ज्योतिष शास्त्र में मनुष्य को तीन गणों में बांटा गया है जिसके अंतर्गत देव गण, मनुष्य गण और राक्षस गण आते हैं।
देवगण में जन्म लेने वाला व्यक्ति उदार, बुद्धिमान, साहसी, अल्पाहारी और दान-पुण्य करने वाला होता है। मनुष्य गण में जन्म लेने वाला व्यक्ति अभिमानी, समृद्ध और धनुर्विद्या में निपुण होता है। राक्षस गण के बारे में लोगों का मानना है कि यह नकारात्मक गुणों से परिपूर्ण होता है किंतु यह सत्य नहीं है।
जानिए कैसे होते हैं जुलाई में जन्मे व्यक्ति
कैसे पहचानें गण को
मनुष्य के जन्म नक्षत्र अथवा जन्म कुंडली के आधार पर ही उसका गण निर्धारित किया जाता है। राक्षस गण में जन्म लेने वाले व्यक्ति की खासियत होती है कि वह अपने आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को जल्द ही महसूस कर लेता है।
राक्षस गण वाले जातक के गुण
इस गण वाले जातकों में विलक्षण प्रतिभा होती है। ऐसे व्यक्ति की छठी इंद्रिय काफी शक्तिशाली और सक्रिय होती है। यह जातक मुश्किल परिस्थिति में भी धैर्य और साहस से काम लेते हैं।
इन नक्षत्रों में बनता है ‘राक्षस गण’
- कृत्तिका
- अश्लेषा
- मघा
- चित्रा
- विशाखा
- ज्येष्ठा
- मूल
- धनिष्ठा
- शतभिषा
कंगाल से मालामाल कर देंगें शनिवार के ये विशेष उपाय
किसी भी जानकारी के लिए Call करें : 8285282851
ज्योतिष से संबधित अधिक जानकारी और दैनिक राशिफल पढने के लिए आप हमारे फेसबुक पेज को Like और Follow करें : Astrologer on Facebook