जाने श्री मेरु अंगूठी से घर में कैसे बरसती है लक्ष्मी की कृपा

इस धरती पर जन्म लेने वाला प्रत्येक व्यक्ति धनवान नहीं होता, पैसों की किल्लत जीवन में आती रहती है, जिन लोगों को हमेशा ही पैसों की कमी के कारण जीवनयापन करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है या फिर पैसे आने के बावजूद भी पैसा हाथ में नहीं टिक पाता, कर्ज की स्थिति का सामना करना पड़ता है, इसका कारण यही है की उस व्यक्ति पर माता लक्ष्मी की कृपा नहीं है, माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने और लक्ष्मी का निवास घर में सदैव हो इसलिए ही श्री मेरु अंगूठी आपके लिए बनाई गयी है, आइए जानते है आखिर श्री मेरु अंगूठी के प्रभाव से घर में कैसे बरसती है लक्ष्मी की कृपा।

पौराणिक ग्रंथों, कहानियों तथा लोक कथाओं के आधारपर समुद्र मंथन के दौरान भगवान् विष्णु ने कछुए का रूप धारण किया था और इसी कारण शास्त्रों और हिन्दू धर्म में कछुए का बहुत महत्व है। वास्तु के अनुसार जिस घर में कछुए से सम्बंधित कोई भी वस्तु होती है वहां पर कभी भी धन संपत्ति से सम्बंधित दिक्कते नहीं होती। दरअसल कछुए वाली अंगूठी को वास्तुशास्त्र में शुभ माना गया है। कछुए के आकार में बनी श्री मेरु अंगूठी व्यक्ति के जीवन के कई दोषों को शांत करने का काम करती है।

श्री मेरु अंगूठी के लाभ

वास्तु दोष से मुक्ति

जिस घर में वास्तुदोष होता है, उस घर में माँ लक्ष्मी का निवास नहीं होता, ऐसी जगह माँ लक्ष्मी कभी नहीं ठहरती। श्री मेरु अंगूठी धारणकर्ता को वास्तु दोष से मुक्त कराने में अहम् भूमिका निभाती है। वास्तु के नियमों का पालन करने पर घर में लक्ष्मी का वास हो, घर में सुख-संपत्ति और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए श्री मेरु अंगूठी जरुर धारण करनी चाहिए।

माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद

समुद्र मंथन की पौराणिक कथा के अनुसार कछुआ समुद्र मंथन से उत्पन्न हुआ था और साथ में देवी लक्ष्मी भी वही से आई थी, इस तरह से श्री मेरु अंगूठी धारण करने वाले जातक को माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। घर पर धन से सम्बंधित किसी भी प्रकार की कोई समस्या हो उसे पल भर में दूर करने का कार्य यह अंगूठी करती है। इस अंगूठी के प्रभाव से जीवन पर्यन्त माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद जातक को मिलता है। 

शुक्र को मजबूत करती है

जिन लोगों की कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होते है, उनके यहाँ माता लक्ष्मी का वास होता है। ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह को सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य का कारक ग्रह माना गया है। शुक्र ग्रह अगर किसी की कुंडली में कमजोर है तो उस जातक के घर पर आये दिन धन से जुड़ी किसी न किसी प्रकार की समस्या देखने को मिलती है, ऐसे में शुक्र ग्रह को मजबूती प्रदान करने के लिए श्री मेरु अंगूठी अवश्य धारण करनी चाहिए। 

सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति के लिए

जीवन में जब धन की कमी होती है तो चारों तरफ नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है, जीवन दरिद्रता में व्यतीत होता है, ऐसे मे अगर आप श्री मेरु अंगूठी धारण करते है, तो जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। मेरु का अर्थ पौराणिक ग्रंथों में प्रसिद्ध पर्वत या उच्च बिंदु से है, श्री मेरु अंगूठी अपने आप में एक अजूबा है।

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व्यापार में सफलता के लिए

इस प्रतिस्पर्धा के युग में अगर आप दूसरों से आगे निकलकर व्यापार में सफलता पाने के इच्छुक है, तो आपको बिना संकोच श्री मेरु अंगूठी धारण करनी चाहिए। अगर किसी कारणवश आप अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने में कामयाब नहीं हो पा रहे या बिजनेस में घाटा हो रहा है तो आपको श्री मेरु अंगूठी पहननी चाहिए। इस अंगूठी के प्रभाव से व्यापार में अगर कोई शत्रु या प्रतिस्पर्धी है, तो वह अपने आप ही परास्त हो जाता है और व्यापार में सफलता मिलती है।

अचानक धन की प्राप्ति के लिए

श्री मेरु अंगूठी इतनी प्रभावशाली है, जिसके धारण करने के कुछ दिनों के बाद ही आपके मनोबल और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है तथा अचानक धन प्राप्ति के मार्ग प्रशस्त होने लगते है। रुका हुआ धन या कर्ज जैसी स्थिति से छुटकारा मिलता है। जीवन में सदैव माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। माँ लक्ष्मी स्थाई रूप से घर में निवास करती है। यह अंगूठी धैर्य, शांति, निरंतरता और समृद्धि का भी प्रतिक है, कछुए की आकृति वाली श्री मेरु अंगूठी के प्रभाव से समृद्धि और अचानक धन की प्राप्ति होती है।

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