शनि की साढ़े साती के नाम से ही लोगों में भय लगने की शुरुआत होती हैं, ऐसे में वर्तमान समय में कई लोग साढ़े साती के नाम पर बेवकूफ बनाकर पैसे ऐंठते हैं। हमारी इस रिपोर्ट में ज्योतिषाचार्य इसके प्रभाव से बचने हेतु कई उपाय बताते हैं तथा शनि की दशा से आपको बचने का काम करते हैं। इस रिपोट के माध्यम से साढ़े साती का सत्य क्या हैं और इसका प्रभाव क्या है? आपके भविष्य पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में भी बताया जाएगा। तो अभी लें अपनी साढ़े साती की रिपोर्ट और जानें अपने जीवन के बारे में।
शनि की साढ़े साती क्या हैं?
भारतीय ज्योतिष के अनुसार नवग्रहों में से एक ग्रह, शनि की साढ़े सात वर्ष चलने वाली एक प्रकार की ग्रह दशा होती हैं। एक प्राचीन मान्यता के अनुसार जिस दिन शनि किसी विशेष राशि में होते है, उस दिन से शनि की साढ़े साती शुरू हो जाती है, इसके अलावा शनि जन्म राशि के बाद जिस भी राशि में प्रवेश करता है, साढ़े साती की दशा आरम्भ हो जाती है और जब शनि जन्म से दूसरे स्थान को पार कर जाता है, तब साढ़े साती दशा से मुक्ति मिल जाती है।
शनि की साढ़े साती के तथ्य
अभी साढ़े साती रिपोर्ट बुक करें
शनि की साढ़े साती तीन भागों में होती हैं, हर एक भाग लगभग ढाई वर्ष का होता हैं। अगर ध्यान दिया जाए तो शनि का मकसद व्यक्ति को जीवन भर के लिए सिख देने का होता हैं। पहले ढाई वर्ष के हिस्से में शनि व्यक्ति को मानसिक रूप से परेशान करता हैं और दूसरे ढाई वर्ष के भाग में आर्थिक, शारीरिक, विश्वास इत्यादि रूप में नुकसान पहुंचाता हैं और अंतिम तीसरे ढाई वर्ष के भाग में आखिरी हिस्से में शनि महाराज, अपने कारण जो जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करवाते है। यह वो समय होता है, जब व्यक्ति को सत्य का ज्ञान होता है।
अनुभवी ज्योतिषाचार्यों से करें संपर्क
शनि की ढईया और साढ़े साती को प्रायः अशुभ एवं हानिकारक ही माना जाता है, इसलिए आपकी कुंडली में शनि की साढ़े साती कब से हैं और उससे बचने के लिए कौन से उपाय करने चाहिए इसके बारे में उचित सलाह और मार्गदर्शन शनि की साढ़े रिपोर्ट के द्वारा आपको दी जाती हैं, इससे आपको अवश्य ही संतुष्टि मिलेगी और आप अपने परिवार के अन्य सदस्यों और दोस्तों को भी इस रिपोर्ट को लेने के बारे में कहेंगें। यह रिपोर्ट मार्गदर्शन के साथ साथ आपके जीवन में शुभ परिवर्तन लेकर आती हैं |