कुंडली में कुछ ग्रह ऐसे माने जाते हैं जो यदि अशुभ स्थिति में हों या गलत भावों में स्थित हों, तो व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में समस्याएं ला सकते हैं। नीचे उन ग्रहों की जानकारी दी गई है जो वैवाहिक जीवन में परेशानियों का कारण बन सकते हैं:
🔴 1. मंगल (Mars) – मांगलिक दोष
अगर मंगल 1st, 4th, 7th, 8th या 12th भाव में स्थित हो तो मांगलिक दोष बनता है, जो वैवाहिक जीवन में झगड़े, तनाव, अलगाव या यहां तक कि तलाक का कारण बन सकता है।
🔴 2. शनि (Saturn) – देर से विवाह और मानसिक दूरी
शनि अगर 7वें भाव में हो या 7वें भाव के स्वामी को दृष्टि दे रहा हो, तो विवाह में विलंब या शादी के बाद ठंडा, जिम्मेदारी भरा और भावनाविहीन संबंध बना सकता है।
🔴 3. राहु और केतु – भ्रम, धोखा और मानसिक क्लेश
राहु/केतु का 1-7 अक्ष में या 7वें भाव में होना रिश्तों में धोखे, भ्रम, छिपे हुए रिश्तों या मानसिक परेशानी का कारण बन सकता है।
🔴 4. सूर्य (Sun) – अहंकार और टकराव
सूर्य अगर 7वें भाव में हो, तो जीवनसाथी के साथ अहंकार टकराव, वर्चस्व की लड़ाई या अधिकार को लेकर समस्या हो सकती है।
🔴 5. बुध (Mercury) – अस्थिरता और गलतफहमियाँ
बुध अगर नीच का हो या राहु/केतु से प्रभावित हो, तो संवाद में गलतफहमी, धोखा या अनावश्यक बहस वैवाहिक जीवन को प्रभावित कर सकती है।
🔴 6. चंद्रमा (Moon) – मानसिक अस्थिरता और भावनात्मक असंतुलन
चंद्रमा अगर अशुभ प्रभाव में हो तो व्यक्ति भावनात्मक रूप से कमजोर या अस्थिर होता है, जिससे संबंधों में असंतुलन पैदा हो सकता है।
💔 7वें भाव और इसके स्वामी की स्थिति:
कुंडली में 7वां भाव (House of Marriage) और इसके स्वामी की स्थिति बहुत महत्वपूर्ण होती है। अगर यह भाव पाप ग्रहों से प्रभावित हो या इसके स्वामी पर शनि, राहु, केतु या मंगल की दृष्टि हो तो विवाह में समस्याएं आती हैं।
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