अंगारक योग विस्फोटक गुणों ये युक्त योग है। मंगल व केतु का मारक प्रभाव व्यक्ति को अनेक रूप में प्रभावित करता है। मंगल व केतु क्रोध एवम रक्त के कारक है। यदि अंगारक दोष का सही तरह से पूजन व उपचार किया जाये तथा ऐसे व्यक्ति को सही दिशा व सही शिक्षा प्राप्त हो तो जातक बहुत अच्छे परिणाम भी प्राप्त करता है। ऐसा जातक सही मार्गदर्शन में आश्चर्यजनक कार्य कर सकता है। अंगारक दोष के उपाय-
1- अंगारक दोष की शांति हेतु मंगल देव का पूजन करना चाहिये। देवी का उपासना से मंगल व केतु के दोषों को दूर किया जा सकता हैं।
2- शिवलिंग को नित्य दूध से स्नान करायें।
3- मोती धारण करना लाभदायक होता हैं। मूंगा धारण न करें।
4- छोटें बच्चों को हमेशा प्रसन्न रखें। सफेद वस्तु कॉफी, किताब, चॉक्लेट, आदि बॉटे।
5- ध्यान, योग तथा मंत्र जाप का प्रयोग करें।
6- तामसिक भोजन से दूर रहें। क्रोध व विवादों के निकट न जायें। किसी भी प्रक्रिया का तुरन्त प्रत्युत्तर न दें।
7- खेल-कूद, शारिरिक परिश्रम, ताकत वाले कार्य, सेना आदि से जुडना लाभदायक होता है।
8- अंगारक दोष के प्रभाव से बचने के लिये समय समय पर रक्त दान करते रहना चाहिये।
9- गरीबों को मंगलवार के दिन अनार बॉटें।
10- कनेर के पुष्पों को देवी स्मरण कर जल में प्रवाहित करें।
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