पारूल रोहतगी
वैदिक ज्योतिषाचार्य
नवग्रहों को देवताओं के समान आदर दिया जाता है। जीवन के कष्टों से उबारने में ग्रह दवा की तरह काम करते हैं। ग्रहों पर राशि रत्न का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। रत्नों में कमजोर ग्रहों को प्रबल करने की क्षमता होती है। अत: इन्हें धारण करने से उससे संबंधित ग्रह को प्रसन्न एवं नियंत्रित किया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की शांति एवं ग्रहों की स्थिति को मजबूत करने के लिए राशि रत्नों की सहायता ली जाती है। आइए जानतें हैं किस प्रकार रत्न आपके जीवन में बदलाव लाने में सहायक होते हैं।
माणिक्य
मणिक्य, ग्रहों के राजा सूर्य का रत्न होता है। यह लाल रंग का पारदर्शी पत्थर होता है। यदि कुंडली में सूर्य किसी भाव में शुभ् स्थिति विराजमान है तो उस भाव की शुभता एवं सूर्य के प्रभाव को बढ़ाने के लिए माणिक्य धारण करना चाहिए। अगर सूर्य शुभ नही हो तो माणिक्य धारण करने से सकारात्मक प्रभाव नहीं मिल पाता है। माना जाता है कि सूर्य देव प्रगति और उन्नति के देवता हैं, अत: माणिक्य धारण करने से यह आपकी सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है। माणिक्य सिंह राशि का रत्न है। यह रत्न सोने अथवा तांबे धातु में पहनने से शुभ फलदायी होता है।
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मोती
मोती को चंद्रमा का रत्न माना जाता है। मोती सफेद रंग का चमकीला एवं सौम्य रत्न है। कुण्डली में चन्द्रमा शुभ भावों में बैठा हो तभी मोती पहनना चाहिए इससे चन्द्रमा उत्तम फल देता है। यह रत्न सोने अथवा तांबा धातु में पहनने से शुभ फलदायी होता है। वृश्चिक राशि के जातकों के लिए हर प्रकार से मोती धारण करना शुभ फलदायी है। मिथुन राशि के जातकों के लिए भी मोती शुभ माना जाता है। जिन लोगों को गुस्सा अधिक आता है उन्हें भी मोती पहनने से अत्यधिक लाभ मिलता है। यह चांदी में अधिक लाभकारी होता है।
मूंगा
लाल रंग का मूंगा रत्न मंगल ग्रह के लिए प्रभावी माना जाता है। कुण्डली में मंगल शुभ भाव का स्वामी हो कर विराजमान हो तब मू्ंगा धारण करना चाहिए, ऐसा करने से मंगल के शुभ प्रभाव में वृद्धि होती है। अगर मंगल कुण्डली में अस्त अथवा पीड़ित हो तब भी मूंगा धारण करना शुभ होता है। यह मेष और वृश्चिक राशि के लिए शुभ माना जाता है किंतु इसका प्रभाव दोनों राशियों पर भिन्न होता है। यह रत्न सोने अथवा तांबा धातु में पहनने से शुभ फलदायी होता है।
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पन्ना
बुध का राशि रत्न होता है पन्ना जो हरे रंग क होता है। बुध ग्रह के शुभ फल हेतु पन्ना धारण करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। मिथुन तथा कन्या लग्न वाले जातकों को इसका विशेष लाभ मिलता है। यह रत्न विद्यार्थियों और अध्ययन-अध्यापन करने वालों के सौभाग्य में वृद्धि करता है। यह हमेशा चांदी में अधिक लाभकारी होता है।
पुखराज
बृहस्पति ग्रह का रत्न पुखराज पीले रंग का होता है। जिन जातकों की कुंडली में बृहस्पति नीच में होता है अथवा कमजोर होता है उन्हें पुखराज पहनने की सलाह दी जाती है। पुखराज आध्यात्मिक उन्नति में सहायक है। प्रेमियों के लिए यह भाग्यशाली रत्न माना जाता है। मान्यता है कि इसे धारण करने से अनेक रोगों से रक्षा मिलती है एवं वाणी संबंधी दोष दूर होते हैं। धनु और मीन राशि के लोगों के लिए पुखराज पहनना सौभाग्यवृद्धि करता है। पुखराज सोने में पहनने से सर्वोत्तम फल देता है।
हीरा
हीरा, शुक्र ग्रह का रत्न माना जाता है। तुला और वृषभ राशि के लिए हीरा अत्यंत लाभकारी होता है। इसे धारण करने से जातक साहसी, बुद्धिमान और उत्साही बनता है। संतान की इच्छा रखने वाली महिलाओं को हीरा धारण करने की सलाह दी जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो महिला त्रिकोण हीरा धारण करती है उसे पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। हीरा मानसिक रोगों में भी लाभकारी है अथवा माना जाता है कि इसे पहनने वाले पर जादू टोने का प्रभाव नहीं होता है। रंग के अनुसार हीरे का प्रभाव भी अलग-अलग होता है। हीरा चांदी अथवा प्लैटिनम में पहना जाता है।
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