पितृ पक्ष 2025: पितृदोष शांति और पूर्वजों की कृपा पाने का पवित्र अवसर

भारत की प्राचीन परंपराओं में पितृ पक्ष एक ऐसा काल है जब हम अपने पूर्वजों की आत्मा के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और उनके आशीर्वाद के लिए विशेष पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस समय हमारे पितृ धरती पर आते हैं और अपने वंशजों की पूजा, तर्पण और पिंडदान स्वीकार करते हैं।

अगर आपकी कुंडली में पितृ दोष (Pitru Dosha) है — या आपके जीवन में विवाह में देरी, संतान सुख में बाधा, बार-बार आर्थिक संकट, या बिना कारण मानसिक तनाव जैसे हालात हैं — तो यह संकेत हो सकता है कि आपके पितरों की आत्मा अभी संतुष्ट नहीं है। ऐसे में पितृ पक्ष में की गई पूजा से इन समस्याओं का समाधान संभव है।


पितृ दोष क्या है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में कुछ विशेष ग्रहयोग बनते हैं, तो इसे पितृ दोष कहा जाता है। इसका कारण हो सकता है:

  • पूर्वजों के अधूरे कार्य

  • अनजाने में की गई गलतियाँ

  • अंतिम संस्कार में हुई त्रुटियाँ

  • पितरों के प्रति कर्तव्यों की अनदेखी

पितृ दोष जीवन में रुकावटें, अशांति और असफलताओं का कारण बन सकता है।


पितृ पक्ष में पूजा क्यों करें?

पितृ पक्ष में पितृ पूजा करने से:

  • पितृ दोष का निवारण होता है।

  • पूर्वजों की आत्मा को शांति और मोक्ष प्राप्त होता है।

  • जीवन में आ रही अड़चनें दूर होती हैं।

  • धन, संतान, विवाह और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान मिलता है।

  • परिवार में सुख-शांति और सौहार्द बना रहता है।


पितृ पक्ष 2025 की तिथियाँ

2025 में पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर 2025 (रविवार) से होगी और इसका समापन 21 सितंबर 2025 (रविवार) सर्वपितृ अमावस्या के दिन होगा।

  • 7 सितंबर: पूर्णिमा श्राद्ध

  • 8–20 सितंबर: प्रतिपदा से चतुर्दशी तक दैनिक श्राद्ध

  • 21 सितंबर: सर्वपितृ अमावस्या (सबसे महत्वपूर्ण दिन)


पितृ पक्ष पूजा विधि

  1. स्नान और संकल्प: प्रातः स्नान कर पवित्र वस्त्र धारण करें और अपने पितरों के नाम से पूजा का संकल्प लें।

  2. तर्पण: काले तिल, जल और कुशा से पितरों का तर्पण करें।

  3. पिंडदान: चावल, घी और तिल से बने पिंड पितरों को अर्पित करें।

  4. ब्राह्मण भोज: श्रद्धा से ब्राह्मणों को भोजन कराएँ और दक्षिणा दें।

  5. दान: अन्न, वस्त्र, और आवश्यक वस्तुओं का दान करें।

  6. मंत्र जाप: “ॐ पितृभ्यः स्वधा” मंत्र का जप करें।


पितृ पक्ष में क्या न करें

  • नए घर में प्रवेश, शादी, या बड़े शुभ कार्य न करें।

  • माँस, मदिरा और तामसिक भोजन से बचें।

  • किसी का अनादर न करें, विशेषकर बुजुर्गों का।


पितृ पक्ष पूजा के लाभ

  • पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

  • जीवन की रुकावटें दूर होती हैं।

  • सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य में सुधार होता है।

  • संतान सुख की प्राप्ति होती है।

  • मानसिक शांति और आत्मिक संतोष मिलता है।


Astrovidhi से पितृ पक्ष पूजा बुक करें

अगर आप अपने पूर्वजों के लिए पितृ पक्ष पूजा, तर्पण या पिंडदान करवाना चाहते हैं, तो Astrovidhi आपके लिए अनुभवी पंडित और संपूर्ण विधि-विधान के साथ यह सेवा प्रदान करता है। चाहे आप भारत में हों या विदेश में — ऑनलाइन पूजा सेवा के माध्यम से आप अपने पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।

📅 बुकिंग के लिए संपर्क करें: Astrovidhi Puja Booking
📞 Call/WhatsApp: +91-8285282851

Rate this post

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here