पितृ पक्ष अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने का पर्व है, यह श्राद्ध विशेष रूप से पिंड प्रधान, तर्पण और ब्राह्मण भोज के माध्यम से किया जाता है। पितृ पक्ष को अत्यंत विश्वास और शांत मन के साथ करने से कर्ता को पितृ पक्ष का पूरा लाभ मिलता है। उन पर पितरों की कृपा सदैव रहती है.
श्राद्ध पूजा के लाभ-
पितरों की आत्मा की मुक्ति व पितृ दोष का होगा निवारण
पितरों के आशीर्वाद से मिलेगी जीवन में कामयाबी
परिवार मे शांति बनी रहेगी
वंश वृद्धि की रुकावटें होगी दूर
मन को शांति मिलेगी
पूजा की विधि
सर्वप्रथम पितृ की मुक्ति के लिए तर्पण किया जाएगा, पिंड (चावल के गोले) को घी, शहद, चीनी, दूध और दही के साथ पितरो को भोग लगाया जाएगा. पूजा के पश्चात, गाय, ब्राह्मणो, चीटियों, कौए, कुत्ते का भोजन कराया जाएगा.
यजमान द्वारा वांछित जानकारी :
नाम एवं गोत्र, पिता का नाम
जन्म तारीख, स्थान
पूजा का प्रसाद
यंत्र और सूखा प्रसाद
कैसे प्राप्त करें यह सौभाग्य :
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पितृ पक्ष 2022 तिथियां:
10 सितंबर: पूर्णिमा श्राद्ध
11 सितंबर: प्रतिपदा श्राद्ध
12 सितंबर: द्वितीया श्राद्धो
13 सितंबर : तृतीया श्राद्ध
14 सितंबर: चतुर्थी श्राद्ध
15 सितंबर : पंचमी श्राद्ध
16 सितंबर : षष्ठी श्राद्ध
17 सितंबर: सप्तमी श्राद्ध
18 सितंबर: अष्टमी श्राद्ध
19 सितंबर: नवमी श्राद्ध
20 सितंबर: दशमी श्राद्ध
21 सितंबर: एकादशी श्राद्ध
22 सितंबर: द्वादशी श्राद्धो
23 सितंबर: त्रयोदशी श्राद्धो
24 सितंबर: चतुर्दशी श्राद्ध
25 सितंबर: अमावस्या श्राद्ध