ओपल शब्द को हिन्दी में उपलक मणि के नाम से भी जाना जाता हैं। इस मणि की उत्पत्ति लैटिन शब्द ओपलस और यूनानी शब्द ओपैलियस से हुई हैं। ओपल को दूधिया पत्थर भी कहा जाता हैं, जो बहुत कम तापमान पर किसी भी प्रकार के चट्टान की दरारों में जमा हो जाता हैं, आमतौर पर देखा जाता हैं कि चूना पत्थर, बलुआ पत्थर, आग्नेय चट्टान मार्ल और बेसाल्ट के बीच यह पाया जाता है।
ओपल रत्न की ख़ासियत
ओपल रत्न पति-पत्नी के विवादों को पल भर में दूर करने वाला बहुत ही चमत्कारिक रत्न है। शुक्र का सम्बन्ध विवाह से होता है, ओपल शुक्र ग्रह के प्रभाव को बढ़ाने के लिए धारण किया जाता है। हिंदी में ओपल को दूधिया या उपलक पत्थर के नाम से भी जाना जाता है। ओपल तुला, वृषभ, लग्न वाले जातक या जिसकी कुंडली में शुक्र फलदायी नहीं होता, शुक्र का बल कम होता है, ऐसे जातक के लिए रत्न धारण करना बहुत ही लाभकारी होता है।
ओपल रत्न शुक्र ग्रह का एक शानदार रत्न है। जीवन को लग्जरी से भर देने में मददगार इस रत्न से बनी अंगूठी को धारण करने के बाद जीवन में प्यार और खुशी का आगमन होता है, पति-पत्नी के बीच मनमुटाव दूर होते हैं, वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी के बीच मधुर सम्बन्ध स्थापित करने का काम यह रत्न करता है, तथा प्रेम संबंधों को और अधिक मजबूती प्रदान करने का काम भी यह रत्न करता है।
रिश्तों में एकता लाने के लिए यह रत्न बहुत ही लाभदायक होता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार ये रत्न उद्योग, मॉडलिंग, आकर्षण, ग्लैमर, रोमांस, ललित कला, फैशन उद्योग, और सिनेमा का प्रतिनिधित्व करता है। ओपल जीवन को लग्जरी से भर देने में मदद करता है।
ओपल रत्न कौन धारण कर सकता हैं
अगर कुंडली में शुक्र बलशाली होने के बाद भी शुभ फल नहीं दे रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में शुक्र को मजबूत करने के लिए ही ओपल रत्न धारण किया जाता है। नेम और फेम पाने के लिए ओपल से बनी अंगूठी जरुर धारण करनी चाहिए। ओपल शुक्र ग्रह का रत्न है और शुक्र ग्रह वृषभ और तुला राशि का अधिपति ग्रह है, इसलिए वृषभ और तुला राशि के जातकों के लिए ओपल रत्न धारण करना सबसे लाभकारक माना गया है।
ज्योतिष के अनुसार ओपल रत्न शुक्र (Venus) ग्रह के प्रभाव को बढ़ाने के लिए धारण किया जाता है। जिस जातक की जन्म कुंडली में तुला तथा वृषभ लग्न हो या जिसकी जन्म राशि तुला या वृषभ हो वह जातक ओपल रत्न बिना संकोच धारण कर सकता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में शुक्र बलवान नहीं है उस जातक को भी ओपल रत्न धारण कर अपने शुक्र को मजबूत करना चाहिए। कर्क और मकर लग्न की कुंडली वाले जातक भी ओपल रत्न धारण कर सकते है।
ओपल रत्न के प्रभाव से होने वाले लाभ
- महिलाओं तथा पुरुषों के निजी जीवन में प्यार और रोमांस को पुनर्जीवित करने का काम ओपल रत्न करता है। इसके प्रभाव से पति-पत्नी के बीच के विवाद समाप्त होने लगते हैं।
- ओपल रत्न से बनी अंगूठी को धारण करने के बाद जीवन में एकता, संतुष्टी और रिश्तों में मजबूती आती है।
- ओपल रत्न नेम और फेम पाने के लिए जरुर धारण करना चाहिए, इसके प्रभाव से जीवन में धन-धान्य और कामकाज की कभी कमी देखने को नहीं मिलती।
- ओपल रत्न के प्रभाव से व्यक्ति जीवन में आकर्षण, विलासिता तथा ऐश्वर्य पूर्ण जीवन व्यतीत करता है।
- चित्रकला, थिएटर, नृत्य, संगीत, कला, टीवी, आदि जैसे कलात्मक क्षेत्रों में शामिल लोगों को धन के साथ साथ प्रसिद्धि भी मिलती है।
- ओपल रत्न किसी भी व्यक्ति के प्रेम सम्बन्ध या दाम्पत्य जीवन में जोश और शक्ति लाता है, यह रत्न परेशान दाम्पत्य जीवन में रस घोलने तथा जीवन में स्थिरता लाने का काम करता है।
- जो लोग कपड़े, फैशन, गहने, महंगी कारें, कलाकृतियाँ आदि से सम्बंधित कार्य से जुड़े हुए है या इनसे सम्बंधित व्यापार करते है, उन लोगों के लिए ओपल धारण करना बहुत ही लाभप्रद होता है।
- सामाजिक संबंधों में सुधार लाने के साथ साथ रिश्तों में प्रगाढता लाने के लिए भी ओपल रत्न धारण किया जाता है।
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