नाग पंचमी 2019 – तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी मनाई जाती है। हिन्दू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा अर्चना, उपासना की जाती है। नाग पंचमी के दिन नाग देवता तथा सर्प की पूजा की जाती है, उन्हें दूध पिलाया जाता है, उनकी पूजा विधि-विधान से की जाती है। इस दिन नागों को दूध से निह्लाया जाता है। वैसे देखा जाएँ तो शास्त्रों में दूध पिलाने का नहीं दूध से सापों तथा नाग देवताओं को स्नान करने का विधान है।

Naag Panchami 2019

नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है   

वैसे तो नाग पंचमी मनाने के पीछे कई धार्मिक और सामाजिक कारण है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में योग जितने महत्वपूर्ण होते है उसी प्रकार कुंडली में कुछ दोष होते है, जो जातक के जीवन में उथल-पुथल कर देते है, उन दोषों को भी देखना जरुरी होता है तथा इन दोषों की शांति के लिए उपाय करना भी जरुरी होता है। कुंडली में अनेक प्रकार के दोष होते है, कालसर्प दोष और नाग दोष भी महत्वपूर्ण दोष होते है, इन दोषों की मुक्ति के लिए प्राचीनकाल से ही नाग पंचमी के दिन विद्वान ज्योतिषों द्वारा नाग देवता की पूजा करने का विधान है।

आइये जानते है नागपंचमी के दिन कौन से कार्य करना शुभ और अशुभ माने जाते है

  • प्राचीन काल से ही यह मान्यता है की नागपंचमी के दिन भूमि की खुदाई करना शुभ नहीं होता।
  • इस दिन नाग देवता के लिए दूध, धान, खील, मिष्ठान्न चढ़ावे के रूप में अर्पित करना शुभ होता है।
  • नाग पंचमी के दिन नाग देवता के लिए नाग देवता की तस्वीर या फिर मिट्टी या धातू से बनी प्रतिमा की पूजा करनी शुभ होता है।
  • जिसकी कुंडली में कालसर्प दोष तथा नाग दोष होता है, उन्हें इस दिन कालसर्प दोष तथा नाग दोष से मुक्ति पाने के लिए पूजा करवानी शुभ होता है। इस पूजा से नाग देवता प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते है।
  • किसी सपेरे से नागदेवता को खरीदकर उन्हें मुक्त कर खुले जंगल में छोड़ना शुभ होता है।
  • इस दिन जीवित सर्प तथा नाग देवता को दूध पिलाकर उन्हें प्रसन्न करना शुभ होता है।
  • इस दिन सर्प या नाग को मारना बहुत ही अशुभ होता है, ऐसा करने से हम पाप के भागीदार बनते है।

कालसर्प दोष और नाग दोष क्या होते है, आइये जानते है

काल सर्प दोष

कुंडली में जब राहु और केतु विशेष स्थिति में होते है तब कालसर्प दोष बनता है। मान्यता है की यह दोष जातक के पूर्व जन्म के किसी जघन्य अपराध के दंड या श्राप के फलस्वरूप कुंडली में उत्पन्न होता है। यदि कुंडली के लग्न भाव में राहु विराजमान हो और सप्तम भाव में केतु ग्रह उपस्थित हो तथा बाकी ग्रह राहु -केतु के एक ओर स्थित हों तो कालसर्प दोष योग का निर्माण होता है। 

Rashi Gem Stones

कालसर्प दोष के प्रभाव 

जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष बन रहा है, उन्हें अपने सपने में बार-बार सांप दिखाई देते है। ऐसे जातक स्वयं को हवा में उड़ते देखते है। इनके व्यापार, नौकरी में बार-बार रुकावटें आती है। जीवन में किसी भी काम में मन नहीं लगता, मन में डर तथा नकारात्मक विचार आते है। पढाई-लिखाई में मन नहीं लगता तथा सफलता से वंचित रहते है।

अगर आप भी कालसर्प दोष से पीड़ित है और इस दोष से मुक्ति पाना चाहते है तो नाग पंचमी के दिन कालसर्प दोष निवारण पूजा अवश्य करवानी चाहिए।

कालसर्प दोष शांति पूजा विधि

कालसर्प दोष के निवारण हेतु पूजन की अनेक विधि हैं। सबसे उत्तम विधि वैदिक मंत्रों द्वारा किया जाने वाला विधान है। भगवान शिव सर्पों को अपने गले में धारण करते हैं इसलिए शिव जी की पूजा इस दिन करने से भगवान शिव प्रसन्‍न होते हैं और संपूर्ण पाप नष्‍ट होते हैं। नाग पंचमी के दिन कालसर्प दोष निवारण पूजा करने का विधान सर्वश्रेष्ठ है। इस दिन कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को कालसर्प दोष निवारण पूजा अवश्य करवानी चाहिए, फलस्वरूप जीवन को सुखमय बनाना चाहिए।

नाग दोष

किसी भी जातक की कुंडली में राहु के प्रभाव से उत्पन्न होनेवाले दुर्योगों को ही नाग दोष कहते है। जब कुंडली में राहु और केतु पहले घर में, चन्द्रमा के साथ या शुक्र के साथ विराजमान हों तो ऐसी स्थिति में नाग दोष बनता है।

नाग दोष के प्रभाव

प्राचीन काल से ही वैदिक ज्योतिष में नाग दोष को जातक के जीवन को प्रभावित करने वाला दोष माना गया है

नागदोष से पीडित जातक किसी पुराने या यौन संचारित रोग से ग्रस्त रहता है। इन्‍हें लाख कोशिशों के बाद भी सफलता नहीं मिलती है। इसके कारण महिलाओं को संतान उत्पत्ति में अत्यधिक परेशानी आती है। आकस्मिक मृत्‍यु का खतरा रहता है और अस्‍पताल के चक्‍कर लगाने पड़ते हैं।

नाग दोष शांति पूजा विधि

नाग दोष के निवारण हेतु पूजन की अनेक विधि हैं। सबसे उत्तम विधि वैदिक मंत्रों द्वारा किया जाने वाला विधान है। भगवान शिव सर्पों को अपने गले में धारण करते हैं इसलिए शिव जी की पूजा इस दिन करने से भगवान शिव प्रसन्‍न होते हैं और संपूर्ण पाप नष्‍ट होते हैं। नाग पंचमी के दिन नाग दोष निवारण पूजा करने का विधान सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस दिन नाग दोष से पीड़ित व्यक्ति को नाग दोष निवारण पूजा अवश्य करवानी चाहिए, फलस्वरूप जीवन को सुखमय बनाना चाहिए।

अभी ओपल रत्न प्राप्त करें

नाग पंचमी-2019 तिथि एवं शुभ मुहूर्त

नाग पंचमी- 5 अगस्त 2019

पंचमी तिथि प्रारम्भ- 18 बजकर 48 मिनिट से (4 अगस्त 2019)

पंचमी तिथि समाप्ति – 15 बजकर 54 मिनिट तक (5 अगस्त 2019)

पूजा मुहूर्त- 05:49 से 08:28 ((5 अगस्त 2019)

 

किसी भी जानकारी के लिए Call करें : 8882540540

ज्‍योतिष से संबधित अधिक जानकारी और दैनिक राशिफल पढने के लिए आप हमारे फेसबुक पेज को Like और Follow करें : AstroVidhi Facebook Page

Lucky Tortoise

5/5 - (2 votes)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here