हमारे समाज का बेहद कड़वा सच है वैश्यावृत्ति। कहीं देह व्यापार को कानूनी मान्यता प्राप्त है तो कहीं ये काम कानून के नियमों का उल्लंघन माना जाता है। कानून के प्रतिबंध के बावजूद भी वैश्यावृत्ति का व्यापार सभी जगह खूब फलता-फूलता है। इसी प्रकार क्या आपने कभी सोचा है कि ग्रहों की दशा का प्रभाव भी महिलाओं के देह व्यापार के दलदल में फंसने का एक महत्वपूर्ण कारण है। जी हां, महिलाओं के व्यापार में फंसने का ज्योतिषीय कारण होता है। ग्रहों की कुछ विशेष स्थिति में महिलाएं देह व्यापार करने पर मजबूर हो जाती हैं। आइए जानते हैं कि ग्रहों की किस स्थिति में स्त्री को वेश्या बनना पड़ता है -:
– यदि किसी महिला की कुंडली में सातवें, आठवें और दसवें घर में बुध या शुक्र ग्रह विराजमान हों तो ऐसी स्थिति में उस स्त्री के वैश्यावृत्ति के व्यापार में आने के योग बनते हैं।
– वैश्यावृत्ति के लिए शुक्र और मंगल अधिक प्रभावकारी और महत्वपूर्ण होते हैं। शुक्र और मंगल के दसवें और सातवें भाव में होने पर ऐसा होना संभव है।
– किसी महिला की कुंडली में शुक्र और मंगल का आपस में संबंध हो अथवा यह दोनों ग्रह पीडित हों।
– कुंडली में चंद्रमा ग्रह नीच स्थान में अथवा पीडित हो तो भी स्त्री के देह व्यापार में आने की संभावना प्रबल हो जाती है।
– शुक्र ग्रह का अष्टम भाव में होना, शनि-शुक्र की युति होना और शनि, शुक्र और मंगल की युति होने पर।
– जिस स्त्री की कुंडली में शुक्र और राहु की युति बन रही हो उसके देह व्यापार से जुड़ने की संभावना रहती है।
– कुंडली में अष्टमेश का प्रबल होना, चंद्रमा बारहवें भाव में उपस्थित होना एवं दशम भाव में राहु का उपस्थित होना बहुत ज्यादा खराब स्थिति को दर्शाता है।
– शनि और राहु के संबंध में भी वैश्यावृत्ति के योग बनते हैं।
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sar mera name utam Kumar hai
dob 17/11/2000
birth time malum nhi.
birthsthan- bhojpur, bihar, india.
mere bhwg me naukei ke kya yog hai pleas bataiye. kya mai bada hokar kuchh ban paunga. aap mere swal ka jwab jaroor dijiyega ,apki bahut meharbani hogi