गुरु पूर्णिमा कब है? जानिये महत्त्व और पूजन विधि

गुरु पूर्णिमा तिथि 

गुरु पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 01:48 बजे (16 जुलाई 2019) से

गुरु पूर्णिमा तिथि समाप्त- 03:07 बजे (17 जुलाई 2019) तक

आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं। इस वर्ष 16 जुलाई 2019 को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस दिन गुरु की पूजा की जाती है। साधारण भाषा में गुरु वह व्यक्ति हैं, जो धर्म का मार्ग दिखाता है, ज्ञान की गंगा बहाते हैं और हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं। पूरे भारत में यह पर्व बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा ना केवल हिन्दू बल्कि सिख भी इस दिन को बेहद महत्वपूर्ण मानते है।

Guru Purnima 2019

गुरु पूर्णिमा वर्षा ऋतु के आरम्भ में आती है। इस दिन से चार महीने तक साधु-सन्त एक ही स्थान पर रहकर ज्ञान की गंगा बहाते हैं। ये चार महीने मौसम की दृष्टि से भी सर्वश्रेष्ठ होते हैं। न अधिक गर्मी और न अधिक सर्दी, इसलिए अध्ययन के लिए उपयुक्त माने गए हैं। जैसे सूर्य के ताप से तप्त भूमि को वर्षा से शीतलता एवं फसल पैदा करने की शक्ति मिलती है, वैसे ही गुरु-चरणों में उपस्थित साधकों को ज्ञान, शान्ति, भक्ति और योग शक्ति प्राप्त करने की शक्ति मिलती है।

गुरु पूर्णिमा का दिन महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्मदिन भी है। वे संस्कृत के महान विद्वान थे और उन्होंने चारों वेदों की भी रचना की थी। इस कारण उनका एक नाम वेद व्यास भी है। उन्हें आदिगुरु कहा जाता है और उनके सम्मान में गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा नाम से भी जाना जाता है।

Rashi Gem Stones

गुरु पूर्णिमा का महत्व

पौराणिक-महाकाव्य युग की महान विभूति, महाभारत, अट्ठारह पुराण, श्रीमद्भागवत, ब्रह्मसूत्र, मीमांसा जैसे अद्वितीय साहित्य-दर्शन के प्रणेता वेदव्यास का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा के दिन हुआ था।

वेदव्यास ऋषि पराशर के पुत्र थे। हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार महर्षि व्यास तीनों कालों के ज्ञाता थे। उन्होंने अपनी दिव्य दृष्टि से देख कर यह जान लिया था कि कलियुग में धर्म के प्रति लोगों की रुचि कम हो जाएगी। धर्म में रुचि कम होने के कारण मनुष्य ईश्वर में विश्वास न रखने वाला, कर्तव्य से विमुख और कम आयु वाला हो जाएगा। एक बड़े और सम्पूर्ण वेद का अध्ययन करना उसके बस की बात नहीं होगी। इसीलिये महर्षि व्यास ने वेद को चार भागों में बाँट दिया जिससे कि अल्प बुद्धि और अल्प स्मरण शक्ति रखने वाले लोग भी वेदों का अध्ययन करके लाभ उठा सकें।

व्यास जी ने वेदों को अलग-अलग खण्डों में बाँटने के बाद उनका नाम ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद रखा। वेदों का इस प्रकार विभाजन करने के कारण ही वह वेद व्यास के नाम से प्रसिद्ध हुए। उन्होंने ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद का ज्ञान अपने प्रिय शिष्यों वैशम्पायन, सुमन्तुमुनि, पैल और जैमिन को दिया।

वेदों में मौजूद ज्ञान अत्यंत रहस्यमयी और मुश्किल होने के कारण ही वेद व्यास जी ने पुराणों की रचना पाँचवे वेद के रूप में की, जिनमें वेद के ज्ञान को रोचक किस्से-कहानियों के रूप में समझाया गया है। पुराणों का ज्ञान उन्होंने अपने शिष्य रोम हर्षण को दिया।

Laxmi Narayan Ring

व्यास जी के शिष्यों ने अपनी बुद्धि बल के अनुसार उन वेदों को अनेक शाखाओं और उप-शाखाओं में बाँट दिया। महर्षि व्यास ने महाभारत की रचना भी की थी। वे हमारे आदि-गुरु माने जाते हैं। गुरु पूर्णिमा का यह प्रसिद्ध त्यौहार व्यास जी की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इसलिए इस पर्व को व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। हमें अपने गुरुओं को व्यास जी का अंश मानकर उनकी पूजा करनी चाहिए।

व्यासजी ने पुराणों तथा महाभारत की रचना करने के पश्चात् ब्रह्मसूत्रों की रचना भी यहाँ की थी। वाल्मीकि की ही तरह व्यास भी संस्कृत कवियों के लिये उपजीव्य हैं। 

गुरु पूर्णिमा के दिन क्या करें

  • इस दिन अपने माता-पिता के साथ साथ अपने से बड़े लोगों का आदर सम्मान करे पैर छूकर उनका आशीर्वाद ले।
  • गुरु पूर्णिमा के दिन यदि आप अपने गुरु का सम्मान करते है, तो महर्षि वेद व्यास के साथ सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद आपके ऊपर बना रहेगा।
  • महर्षि वेद व्यास, जिन्हें हिन्दू धर्म में ब्रह्मज्ञानी, ज्ञानियों के ज्ञानी माना गया, इस दिन उन्हीं की पूजा करनी चाहिए।
  • भूल कर भी कभी अपने गुरु का अनादर न करें। गुरु दिक्षा प्राप्त करने के लिए भी यह दिन श्रेष्ठ है।

अभी ओपल रत्न प्राप्त करें

गुरु पूर्णिमा पूजन विधि

  • गुरु को भगवान से ऊँचा दर्जा दिया गया है इसलिए गुरु पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल स्नान आदि के पश्चात
  • वेदव्यास जी के चित्र को सुगन्धित फूल या माला चढ़ाकर अपने गुरु के पास जाना चाहिए। उन्हें ऊँचे सुसज्जित आसन पर बैठाकर पुष्पमाला पहनानी चाहिए।
  • इसके बाद वस्त्र, फल, फूल व माला अर्पण कर कुछ दक्षिणा अपने सामर्थ्य के अनुरूप धन के रूप में भेंट करके उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।

गुरु पूर्णिमा के दिन ये उपाय दिलाएंगे गुरु का आशीर्वाद

  • जिस व्यक्ति का कोई गुरु नहीं होता वो गुरु पूर्णिमा के दिन विष्णु भगवान को अपना गुरु मानकर उनका नमन कर उनकी पूजा कर सकते है, ऐसा करने से विष्णु भगवान की कृपा जातक पर बनी रहती है।
  • जिस जातक की कुंडली में गुरु ग्रह अशुभ भाव में बैठे है, उन्हें गुरु दोष ख़त्म करने के लिए आज के दिन गुरु का ध्यान करते हुए, जीवन में आ रही बाधाओं को ख़त्म करने के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।
  • गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु यंत्र की स्थापना करना भी शुभ माना गया है। गुरु यंत्र की स्थापना करने से भाग्योदय होता है।
  • अगर व्यापार-व्यवसाय में नुकसान हो रहा है और आर्थिक तंगी से जूझ रहे हो तो गुरु पूर्णिमा के दिन किसी जरुरत व्यक्ति को पीले वस्त्र, पीला अनाज और पीली रंग की मिठाई दान करनी चाहिए।

किसी भी जानकारी के लिए Call करें : 8882540540

ज्‍योतिष से संबधित अधिक जानकारी और दैनिक राशिफल पढने के लिए आप हमारे फेसबुक पेज को Like और Follow करें : AstroVidhi Facebook Page

5/5 - (1 vote)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here