ज्योतिषशास्त्र के अनुसार देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के मंत्रों की रचना की गई है जिनमें सर्वोपरि गायत्री मंत्र है। गायत्री मंत्र का जाप भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है एवं इस मंत्र के जाप से जीवन के कई सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
गायत्री मंत्र को सर्वशक्तिशाली माना जाता है और किसी भी मनोकामना की पूर्ति के लिए आप इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। गायत्री मंत्र की शक्तियों से पूरी दुनिया वाकिफ है। इस मंत्र में अनेक शक्तियां विद्यमान हैं जिनका अहसास आपको इसका जाप करने के बाद ही होगा।
किसने की थी गायत्री मंत्र की रचना
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनके परम् भक्त रावण ने गायत्री मंत्र की रचना की थी। ब्रह्मऋषि विश्वामित्र द्वारा ऋग्वेद में भी इस मंत्र को उल्लेखित करवाया गया था। रावण एक बहुत बड़ा महापंडित था जिसने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र की रचना की थी। रावण की तपस्या और भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने रावण को कई वरदान और शक्तियां भी प्रदान की थीं।
पुरुष कर सकते हैं जाप
कहते हैं कि इस मंत्र का स्थान उच्च है और इसीलिए गायत्री मंत्र का जाप सिर्फ पुरुषों को करना चाहिए। मान्यता है कि इस मंत्र का जाप केवल उन लोगों का करना चाहिए जिन्होंनें जनेऊ धारण कर रखा हो।
भगवान शिव के अलावा इनका भी है मंत्र
भगवान शिव के अलावा गायत्री मंत्र सूर्य देव को भी समर्पित है। अत: सूर्य देव से ही संबंधित होने के कारण ऐसा माना जाता है कि सूर्योदय और सूर्यास्त के समय ही इस मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से सर्वाधिक पुण्य की प्राप्ति होती है। अगर आप जीवन में सफलता पाना चाहते हैं तो इस मनोकामना की पूर्ति के लिए आपको सूर्य देव को प्रसन्न करना चाहिए। सूर्य देव की कृपा पाने के लिए गायत्री मंत्र का जाप करना फलदायी रहता है। करियर में तरक्की के लिए गायत्री मंत्र का जाप करना शुभ फलदायी रहता है।
गायत्री मंत्र से जुड़ी खास बात
इस मंत्र से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य भी हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। इनमें से एक तथ्य है स्त्रियों का गायत्री मंत्र का जाप न करना। शास्त्रों के अनुसार स्त्रियों को गायत्री मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए। इस तथ्य के पीछे धर्म के साथ-साथ चिकित्सकीय कारण भी है।
महिलाएं क्यों नहीं करती मंत्र का जाप
मान्यता है कि सदियों पहले स्त्रियां भी जनेऊ धारण करती थीं और पुरुषों की भांति धार्मिक कार्यों में हिस्सा भी लेतीं थीं लेकिन कुछ समय के पश्चात् स्थिति बिलकुल बदल गई।
ये है मंत्र जाप ना करने की वजह
स्त्रियों के गायत्री मंत्र का जाप न करने के पीछे का सबसे बड़ा कारण महिलाओं को होने वाला मासिक धर्म है। हिंदू धर्म के अनुसार मासिक धर्म के दौरान स्त्रियों को किसी भी तरह के धार्मिक कार्य और पूजा में हिस्सा नहीं लेना चाहिए। इसलिए स्त्रियों को गायत्री मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए।
जाप करने पर क्या होता है
कहते हैं कि अगर कोई स्त्री गायत्री मंत्र का जाप करती है तो वह पुरुष की तरह व्यवहार करने लगती है। इतना ही नहीं इसका असर उसके शारीरिक अंगों और त्वचा पर भी पड़ता है। चेहरे पर अनचाहे बाल आना और मासिक धर्म में दिक्कत आना भी गायत्री मंत्र का जाप करने का ही प्रभाव माना जाता है।
गर्भवती महिला पर प्रभाव
कहते हैं कि यदि कोई स्त्री गर्भवती है या फिर बच्चे को जन्म दे चुकी है तो उसे गायत्री मंत्र का जाप करने से दूध आने में कठिनाई होती है या दूध का स्राव पहले से काफी कम हो जाता है।
ये सब तो सुनी-सुनाई बातें हैं किंतु इसमें कितनी सच्चाई है ये तो कोई नहीं जानता। हिंदू धर्म में अनेक देवी-देवताओं के पूजन और मंत्र जाप को लेकर कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं जिनमें से शायद ये भी एक है कि महिलाओं को गायत्री मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए।
इस बात का कोई प्रमाणिक तथ्य उपलब्ध नहीं है कि स्त्रियों को गायत्री मंत्र का जप नहीं करना चाहिए और इसके ऐसे प्रभावों के बारे में भी किसी शास्त्र में उल्लेख नहीं मिलता है।
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