गुरु चांडाल दोष दो विपरीत परिणाम देने वाले ग्रहों का मिश्रित फल हैं। गुरु चांडाल दोष के कारण व्यक्ति का दुर्भाग्य बार बार उसके सम्मुख आता है। इस दोष के कारण व्यक्ति गलती करें या न करें उसके ऊपर आरोप अवश्य लगते हैं। इस योग के कारण व्यक्ति मजबूर होकर गलत राहों पर चलना आरम्भ कर देता हैं। इस योग के कारण जातक दिशाहीन होकर भटकता रहता हैं-
आपका आचरण तथा ये उपाय करेंगे गुरु चांडाल को शांत…
1- गुरु चांडाल दोष के कारण व्यक्ति कनफ्यूज (भ्रमित) रहता हैं। ऐसे व्यक्ति हमेशा दो विचारों से घिरे रहते हैं| निर्णय शीघ्र नही ले पाते।
2- गुरु चांडाल के कारण व्यक्ति गलत मार्गों को अपनाता है। ऐसे इंसान के उपर बुरा व नकारात्मक प्रभाव अतिशीघ्र पडता है।
3- गुरु चांडाल दोष के कारण जातक को जेल जाने का भय बना रहता है।
4- गुरु चांडाल व्यक्ति के मन में हमेशा विचारों का युध चलता रहता हैं। गुरु चांडाल के कारण मानसिक रोग उत्पन्न होते हैं। इस दोष के अलावा अन्य पापी ग्रहों का लग्न पर प्रभाव जातक को पागल भी बना सकता हैं।
5- इस दोष के कारण व्यक्ति बदनाम होता है। समाज में उसकी निंदा होती है।
6- गुरु चांडाल दोष विष प्रभावक है। ऐसा जातक अभक्ष्य भोजन करने वाला होता हैं। अत्याधिक कामुकता से ग्रसित। देवी देवताओं का विरोधी या पाखंडी होता हैं।
7- गुरु चांडाल व्यक्ति को धन से हीन रखता है। व्यक्ति के घर में अशांति रहती हैं।
नोट- (गुरु-चांडाल दोषकारी अवश्य होता हैं परन्तु हमेशा नही कुछ परिस्थिति में यह महायोग भी बनाते हैं।)
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