इस वर्ष की दीपावली विशेष रूप से अमावस्या तिथि पर पड़ रही है। अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को दोपहर 3:44 बजे से शुरू होकर 21 अक्टूबर की रात 9:03 बजे तक रहेगी। अमावस्या का दिन धन, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान किए गए दान और स्नान विशेष रूप से फलदायी होते हैं।
लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ समय:
दीपावली की रात 20 अक्टूबर को शाम 7:08 बजे से रात 8:18 बजे तक लक्ष्मी और गणेश पूजन का सबसे शुभ समय माना गया है। इस समय पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि, शांति और खुशहाली आती है।
दीपावली पूजन की विधि:
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पूजा स्थल को साफ-सुथरा रखें और सफेद कपड़े से सजाएं।
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माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थल पर रखें।
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दीपक जलाएं और संकल्प लेकर माता लक्ष्मी का आवाहन करें।
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नारियल, मिठाई, फूल और फल अर्पित करें।
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विशेष मंत्रों का उच्चारण करें, जैसे “ॐ श्रीं लक्ष्मीभयो नमः” और गणेश मंत्र।
अमावस्या का दान और स्नान:
21 अक्टूबर को अमावस्या का दिन है। इस दिन दान और स्नान करने की प्रथा है। दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और मानसिक शांति मिलती है। स्नान करने से शारीरिक और मानसिक पवित्रता आती है। पितृ तर्पण और अन्य धार्मिक अनुष्ठान भी इस दिन किए जा सकते हैं।
दीपावली का महत्व:
दीपावली अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और दुख पर सुख की विजय का प्रतीक है। लक्ष्मी-पूजन से घर में समृद्धि आती है और गणेश पूजन से बाधाएं दूर होती हैं। अमावस्या तिथि और शुभ मुहूर्त का पालन करने से यह त्यौहार और अधिक फलदायी बन जाता है।
इस दिवाली, अपने घर और परिवार में सुख-समृद्धि लाने के लिए इन विधियों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।