इस वर्ष 2020 में दीपावली पर्व कब हैं, जानें तिथि, महत्व तथा शुभ मुहूर्त

इस वर्ष 2020 में दीपावली पर्व कब हैं, जानें तिथि, महत्व तथा शुभ मुहूर्त

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त –

सायं 17:30:04 से 19:25:54 तक 

प्रदोष काल- सायं 17:27:41 से 20:06:58 तक 

वृषभ काल- 17:30:04 से 19:25:54 तक

5 दिवसीय दीपावली पर्व इस प्रकार मनाए जायेंगे

1- 12 नवंबर 2020, गुरूवार, गोवत्स द्वादशी

2- 13 नवंबर 2020, शुक्रवार, धनतेरस, यम दीपदान

3- 14 नवंबर 2020, शनिवार, महालक्ष्मी पूजा, नरक चतुर्दशी, दीपावली

4- 15 नवंबर 2020, रविवार, गोवर्धन पूजा, अन्नकूट, बलि प्रतिपदा

5- 16 नवंबर 2020, सोमवार, भैया दूज, यम द्वितीया  

दीपावली पर्व 5 दिवसीय पर्व हैं, जो धनतेरस से भाई दूज तक चलता हैं। दिवाली अन्धकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता हैं। दीपावली जिसे हम रोशनी का पर्व भी कहते है, वर्ष 2020 में दीपावली 14 नवंबर शनिवार के दिन मनाई जायेगी। हम सभी भारतवर्ष में रहने वाले दीपावली के पर्व के बारे में जानते ही है। प्रभु श्री राम की 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या वापसी पर लोगों ने उनका स्वागत घी के दिए जलाकर बहुत ही धूमधाम से किया था, रावण का वध करने के बाद श्री राम माता सीता को लंका से लेकर अयोध्या वापिस लौटे थे उनके आने की ख़ुशी में ही दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इसी तरह असत्य पर सत्य की जीत हुई थी।

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हिन्दू धर्म के अलावा बौद्ध, जैन और सिख धर्म के अनुयायी भी दिवाली मनाते हैं। सिख समुदाय में इसे बंदी छोड़ दिवस के तौर पर मनाते हैं जैन धर्म में दिवाली को भगवान महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। 

दीपावली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है और मनाने की विधि

  • सभी हिन्दू लोग कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली का त्यौहार मनाते है। घर में सुख-शांति तथा धन-धान्य बनाये रखने के लिए इस पूजा का बहुत महत्व होता हैं।
  • इस दिन शाम को घर में पूरा परिवार मिलकर पूजा करता है। यह त्यौहार जब आता है तब अपने संग अनेक त्यौहार लेकर आता है।
  • दिवाली का त्यौहार जीवन में ज्ञान रुपी प्रकाश लानेवाला त्यौहार है, तो वही सुख-समृद्धि की कामना के लिए भी इस त्यौहार से बढ़कर दूसरा और कोई त्यौहार नहीं है, इसलिए इस दिन लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
  • इस दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति पर तिलक लगाएं और दीपक जलाकर जल, मौली, चावल, फल, गुड़, हल्दी, अबीर-गुलाल आदि अर्पित करें और माता महालक्ष्मी की स्तुति करें।
  • सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक रूप से दीपावली बहुत महत्वपूर्ण त्यौहार है।
  • लक्ष्मी पूजन के बाद तिजोरी, बहीखाते और व्यापारिक उपकरण और औजारों की पूजा की जाती है, पूजन के बाद श्रद्धा अनुसार ज़रुरतमंद लोगों को मिठाई और दक्षिणा देने का विधान होता हैं।

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  • कार्तिक अमावस्या यानि दीपावली के दिन प्रात:काल शरीर पर तेल की मालिश के बाद स्नान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से धन की हानि नहीं होती है। घर में बरकत बनी रहती हैं।
  • दिवाली से पहले मध्य रात्रि को स्त्री-पुरुषों को गीत, भजन और घर में उत्सव मनाना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में अगर हैं तो वो दरिद्रता दूर होती है।

दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन का महत्व

माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए दीपावली को बहुत ही शुभ माना जाता है। सभी मनोकामनाओं की पूर्ति और घर में सुख-समृद्धि बनी रहें और माँ लक्ष्मी सदा घर में विराजमान रहे इसलिए दीपावली के दिन माता लक्ष्मी की उपासना की जाती है। इस दिन सूर्यास्त के पश्चात प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न (वृषभ लग्न को स्थिर लग्न माना जाता है) में माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। लग्न तथा मुहूर्त का समय स्थान के अनुसार ही देखना चाहिए उसके उपरान्त पूर्ण श्रद्धा भाव से माँ लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। 

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