धनतेरस के दिन इस विधि से करें पूजन और दीपदान, आर्थिक तंगी होगी दूर

दीपावली से कुछ दिन पूर्व धनतेरस का पर्व मनाया जाता है और हिंदू शास्‍त्र में इस दिन को बहुत पवित्र और महत्‍वपूर्ण माना जाता है। कार्तिक कृष्‍ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस पूजा की जाती है और मान्‍यता है कि इस दिन पूजा करने से पुरानी से पुरानी दरिद्रता भी दूर हो जाती है।

धनतेरस पर किसकी होती है पूजा

दीवाली से कुछ दिन पूर्व ही धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस दिन देवी धनवंतरि के अलावा मां लक्ष्‍मी और धन के देवता कुबेर की पूजा होती है। वहीं कुबेर देवता के अलावा धनतेरस के अवसर पर दीपदान का भी बहुत महत्‍व है। इस दिन मृत्‍यु के देवता यमदेव की भी पूजा होती है और माना जाता है कि जो कोई धनतेरस के दिन यमदेव की पूजा करता है उसे अकाल मृत्‍यु का भय नहीं रहता है।

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धनतेरस 2018

साल 2018 में धनतेरस का पर्व 5 नवंबर यानि सोमवार के दिन मनाया जाएगा। सोमवार का दिन किसी भी व्रत एवं त्‍योहार के लिए बहुत शुभ माना जाता है और इस बार धनतेरस इसी शुभ दिन पर पड़ रहा है।

  1. धनतेरस के दिन प्रदोष काल में पूजन करना शुभ माना जाता है और इस बार 5 नवंबर को सूर्य के अस्‍त होने के बाद 2 घंटे 24 मिनट का समय प्रदोष काल है। इस समय में आप लक्ष्‍मी पूजन कर सकते हैं।
  2. वहीं चौघडिया मुहूर्त में अमृत काल मुहूर्त 16.30 से 18.00 तक है और चर 18.56 से 19.30 तक है।

अगर आप इन शुभ मुहूर्तों में लक्ष्‍मी पूजन करते हैं तो आपको आजीवन सुख और संपत्ति की प्राप्‍ति होगी।

शाम को पूजा का समय

धनतेरस के दिन पूजन का सयय शाम को 18.10 से 20.04 के बीच रहेगा। इस समय में आप धनतेरस के अवसर पर लक्ष्‍मी पूजन एवं दीपदान कर सकते हैं।

धनतेरस के दिन खरीदारी

धनतेरस का दिन खरीदारी के लिए भी बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन कुछ विशेष वस्‍तुओं की खरीदारी करने से आपके घर में सदा के लिए संपन्‍नता बनी रहती है। इस दिन लक्ष्‍मी–गणेश की नई मूर्ति लाकर ही पूजा की जाती है।

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किवंदती है कि इस दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरि समुद्र से कलश लेकर प्रकट हुए थे और इसलिए इस दिन बर्तनों की खरीदारी करना विशेष फलदायी और शुभ माना जाता है। अगर आप धनतेरस के दिन बर्तन या चांदी की कोई वस्‍तु खरीदते हैं तो इससे आपकी संपन्‍नता में वृद्धि होती है। इस शुभ दिन पर सूखे धनिया के बीज खरीद कर घर में रखेंगें तो भी आपकी संपन्‍नता बढ़ेगी।

धनतेरस का महत्‍व

हिंदू शास्‍त्र में धनतेरस के पर्व का बहुत महत्‍व माना जाता है। मान्‍यता है कि इस दिन अगर आप अपने घर में सच्‍चे मन से धनवंतरि देव की पूजा करते हैं तो आपके परिवार पर संपन्‍नता और धन-वैभव की बरसात होती है। धनतेरस के दिन शाम के समय अपने घर के मुख्‍य द्वार पर एक दीप जलाएं, इस दीप को यम दीप कहा जाता है। इस शुभ अवसर पर यम दीप जलाने से परिवार के प्रत्‍येक सदस्‍य को अकाल मुत्‍यु से मुक्‍ति मिल जाती है। इससे घर-परिवार में भी शांति आती है।

धनतेरस पूजा पर क्‍या पहनें

धनतेरस के दिन पीले रंग के वस्‍त्र पहनना शुभ माना जाता है। सांयकाल पर जब आप धनतेरस की पूजा करें तो पीले रंग के वस्‍त्र धारण करें। इस दिन हरे रंग के कपड़े भी पहन सकते हैं। धनतेरस के साथ-साथ किसी भी तरह के पूजन में काले रंग के वस्‍त्र नहीं पहनने चाहिए।

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धनतेरस पूजन विधि

धनतेरस के दिन शाम के समय अपने परिवार के सभी सदस्‍यों के साथ एक साथ पूजन स्‍थल में बैठ जाएं और प्रार्थना करें। सबसे पहले भगवान गणेश की आराधना करें। उन्‍हें स्‍नान करवाने के बाद चंदन का तिलक लगाएं। भगवान गणेश को लाल रंग के वस्‍त्र पहनाएं और पुष्‍प अर्पित करें। धनतेरस पूजा आरंभ करने से पूर्व इस मंत्र का जाप करें :

वक्रतुण्‍ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।

निर्विघ्‍नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।

कुबेर देवता की पूजा

कुबेर देवता को पुष्‍प, धूप, फल और मिठाई अर्पित करें एवं उनके समक्ष घी का दीया जलाएं। इसके पश्‍चात् इस मंत्र का जाप करें :

ऊं यक्षाय कुबेराय वैष्‍रवाणाय धनाधनयादि पदायहे

धना-धान्‍य समृद्धिंग मे इेहि दपाया स्‍वाहा।।

मां लक्ष्‍मी की पूजन विधि

सूर्यास्‍त के बाद प्रदोष काल में धनतेरस के दिन मां लक्ष्‍मी की पूजा की जाती है। पूजन के आरंभ से पूर्व एक वस्‍त्र में कुछ अनाज के दाने बीच में रख दें। अब इस वस्‍त्र को पूजन स्‍थल में रख दें। एक कलश लें जिसमें आधा जल भरा हो और गंगाजल भी मिला हो। सुपारी, पुष्‍प, एक सिक्‍का और अक्षत को भी साथ रखें।

आप कलश पर आम की पत्तियां भी रख सकते हैं। शास्‍त्रों के अनुसार चावलों पर हल्‍दी से कमल का पुष्‍प बनाएं और मां लक्ष्‍मी की मूर्ति को इस पर स्‍थापित करें। मां लक्ष्‍मी के पास भगवान गणेश की मूर्ति भी स्‍थापित करें। ऐसा करना बहुत शुभ माना जाता है। अब घी का दीया जलाएं, पुष्‍प, हल्‍दी आदि अर्पित करें।

इसके बाद इस मंत्र का जाप करें :

ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलाये प्रसीद प्रसीद ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्‍माये नम:

मंत्र जाप करने के बाद पहले भगवान गणेश की आरती करें और फिर मां लक्ष्‍मी की आरती करें। इसके पश्‍चात् भोग लगाएं और वहां उपस्थि‍त सभी लोगों में प्रसाद बांटें। धनतेरस के दिन दीपदान का भी बहुत महत्‍व है। पूजन के बाद अपने घर के मुख्‍य द्वार की दक्षिण दिशा की ओर मुख करके दीपक जलाएं।

हिंदू धर्म में धनतेरस का पर्व बहुत महत्‍व रखता है और अगर आप किसी भी तरह के आर्थिक संकट या परेशानी से गुज़र रहे हैं तो इस विधि से धनतेरस के दिन पूजन करें। ये दिन इतना शुभ होता है कि सच्‍चे मन से की गई प्रार्थना ईश्‍वर तक जरूर पहुंचती है।

जैसा कि हमने पहले भी बताया कि धनतेरस के दिन खरीदारी करना भी शुभ माना जाता है और इससे आपकी संपन्‍नता भी बढ़ती है। इस दिन आप सोन या चांदी के आभूषण खरीद सकते हैं और स्‍टील के बर्तन खरीदना भी शुभ रहता है।

किसी भी जानकारी के लिए Call करें :  8882540540

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