कुंडली का योग
आजकल जिसे देखो पैसे के पीछे भाग रहा है। हर किसी को कैसे न कैसे करोड़पति बनना है। कोई करोड़पति बनने के लिए मेहनत करता है तो कोई गलत रास्ते से पैसा कमाता है लेकिन जरूरी नहीं कि धन सभी के पास टिके। पैसा सिर्फ उसी के पास टिकता जिसकी कुंडली (Kundali) में धन का योग हो। आज हम आपको बताते हैं कि कुंडली (Kundali) के किस योग और दशा में कोई भी जातक करोड़पति बनता है।
धन भाव
– कुंडली (Kundali) के दूसरे व ग्यारहवें भाव को धन व आय का स्थान कहा जाता है। किसी भी व्यक्ति की आर्थिक स्थिति की गणना के लिए उसकी कुंडली (Kundali) के चौथे और दसवें स्थान की शुभता देखी जाती है। यदि इन स्थानों पर कोई शुभ ग्रह विराजमान हो तो वह जातक करोड़पति बन सकता है।
जानें आपकी कुंडली में Dhan Yog है या नहीं
पंचम भाव
– कुंडली (Kundali) का पंचम भाव शुक्र क्षेत्र (वृषभ-तुला) हो और उसमें ‘शुक्र’ स्थित हो तथा लग्न में मंगल विराजमान हो तो व्यक्ति धनवान होता है।
शुभ योग
– यदि कुंडली (Janam Kundali) में कर्क लग्न में चंद्रमा हो और बुध, गुरु का योग या दृष्टि पंचम स्थान पर पड़ रही हो तो वह जातक करोड़पति बनता है।
शनि और मंगल
– अगर कुंडली(Kundali) के पंचम भाव में चंद्रमा हो और उत्तम भाव में शनि हो तो वह व्यक्ति धनवान बनता है। शनि और मंगल की वजह से भी कोई जातक धनवान बन सकता है।
धन अभाव
– यदि कुंडली (Kundali) में धनेश, सुखेश या लाभेश छठे, आठवें या बारहवें स्थान में हो या इसके स्वामियों से युति करें तो धनाभाव, कर्ज व परेशानी बनी ही रहती है।
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