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शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार के दिन धारण करें नीलम

वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह का बड़ा ही महत्त्व हैं। शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता हैं। शास्त्रों के अनुसार शनिदेव प्रत्येक व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। अगर आपकी कुंडली में शनि से संबंधित कोई दोष बन रहा है, तो आपको सावधान रहने की जरूरत है। शनि के कुप्रभाव के कारण आप हर तरह से कंगाल हो सकते हैं। यहां तक कि आप अर्श से फर्श तक आ सकते हैं। शनि ग्रह को आयु, रोग, पीड़ा, दुःख, तकनीकी, विज्ञान, खनिज तेल, लोहा, कर्मचारी, सेवक, जेल आदि का कारक माना जाता हैं। जन्‍मकुंडली में शनि दोष के कारण जीवन नरक समान बन सकता है। शनि दोष की वजह से जीवन के हर क्षेत्र में असफलता मिलती है और सभी प्रयास फेल हो जाते हैं। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएँगे कि शनि देव का प्रिय रत्न नीलम धारण करने के क्या-क्या लाभ होते हैं।

नीलम

शनि ग्रह का रत्न नीलम जिसे अंग्रेजी में ब्लू सफायर कहते है बहुत ही प्रभावशाली रत्न है। ज्योतिष विज्ञान में इसे कुरुन्दम समूह का रत्न कहते है। सबसे अच्छा नीलम भारत में पाया जाता है, इसके अलावा यह अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, म्यांमार और श्रीलंका की खानों में पाया जाता है। सब रत्नों में सबसे अधिक प्रभावशाली रत्न नीलम होता है। यह रत्‍न शनि देव के शुभ प्रभाव को बढ़ाने में हमारी मदद करता है। शनि की महादशा या अन्तर्दशा हो तब नीलम रत्न धारण करना शुभ होता हैं।

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नीलम का महत्त्व

ज्योतिषशास्त्र में शनि के रत्न नीलम का बड़ा महत्व है।  ऐसी मान्यता है की नीलम रत्न इतना शक्तिशाली रत्न है जो गरीब को धनवान बना देता है, और अमीर को गरीब बना सकता है इसलिए असली और जांच पड़ताल के बाद ही नीलम धारण करना चहिये। नीलम जिसकी कुंडली में शनि शुभ भाव में कम बल दे रहे है ऐसे व्यक्ति को जरुर धारण करना चाहिए उसके बाद व्यक्ति के जीवन में नीलम सकारात्मक बदलाव लेकर आता है।

नीलम किसे धारण करना चाहिए

नीलम रत्न का अधिपति ग्रह शनि है और शनि अपना प्रभाव बहुत ही तीव्रता से दिखाता हैं, इसलिए शनि की राशि मकर और कुम्भ है और इन राशि के लोगों के लिए नीलम रत्न धारण करना लाभदायक होता है। वैसे तो नीलम हमेशा ज्योतिषी की सलाह से पहनना उचित होता हैं।  मेष, तुला, वृष तथा वृश्चिक लग्न वाले जातक अगर नीलम धारण करते हैं, तो उनका भाग्य चमक उठता हैं, उनका शीघ्र ही भाग्योदय होता हैं। किसीस भी जातक की कुंडली में शनि अगर चौथे, पांचवे, दसवे और ग्यारहवे, भाव में हो तो नीलम जरुर पहनना चाहिए।

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नीलम किस दिन और किस अंगूली में धारण करें

शनि के रत्न नीलम को शुक्ल पक्ष के किसी भी शनिवार के दिन या ब्रह्म मुहूर्त में या शनि के नक्षत्र में सीधे हाथ की मध्यमा अंगूली में धारण करना सबसे बेहतर होता हैं।

नीलम धारण करने के बेमिसाल फायदे

  • भाग्योदय में इस रत्न की अहम भूमिका होती है, इस रत्न को धारण करने के बाद जातक पीछे मुड़कर नहीं देखता जीवन में तरक्की होती है।
  • अगर कुंडली में शनि अस्त या वक्री तथा निर्बल हो तो जातक सफलता से दूर चला जाता है अगर आपकी कुंडली में शनि की दशा अनुकूल नहीं है तो आपको नीलम अवश्य धारण करना चाहिए तभी हर क्षेत्र में आपको सफलता मिलेगी।
  • यह रत्न धारण करने से मानसिक शांति मिलती है। मन में बुरे विचार नहीं आते। क्रोध पर नियन्त्रण रहता है।
  • राजनीति से जुड़े हुए लोगों के लिए यह रत्न धारण करना बहुत फायदेमंद होता है। राजनीती में ऊँचाईयों को छूने में सफलता मिलती हैं।
  • अगर व्यक्ति के मन में किसी प्रकार का भय है, तो उसे खत्म करने के लिए यह रत्न धारण किया जाता है।यह रत्न पहनने से आलस्य दूर होता है और सकारत्मक फिलिंग आती है।

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