ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बच्चे के जन्म के बाद कई प्रकार के संस्कार किए जाते हैं जिनमें बच्चे का नामकरण, बच्चे की राशि निर्धारण आदि शामिल हैं। हिंदू धर्म में बच्चे के जन्म के बाद उसके जन्म के समय के आधार पर उसकी राशि निकाली जाती है और फिर राशि के अनुसार नामकरण किया जाता है।
जन्म समय के अनुसार राशि
बच्चे की राशि उसके जन्म के समय और तिथि पर निर्भर करती है। राशि ज्ञात करने के लिए जन्म समय और तिथि का पता होना बहुत जरूरी है। ज्योतिष के अनुसार दो प्रकार की राशि होती हैं एक चंद्र राशि और दूसरी सूर्य राशि। जन्म के समय चंद्रमा जिस राशि में विराजमान होता है वही आपकी चंद्र राशि कहलाती है। इसी प्रकार जन्म के समय सूर्य जिस राशि में होता है वो सूर्य राशि होती है।
बच्चे का नामकरण
बच्चे के जन्म के बाद उसका नामकरण संस्कार भी किया जाता है। शिशु का नामकरण संस्कार उसके जन्म से 11वें दिन किसी शुभ मुहूर्त में करना चाहिए। परासर स्मृति के अनुसार ब्राह्मण का का शिशु 10 दिन में, क्षत्रिय का 12 दिन में, वैश्य का 12 दिन में और शूद्र का 1 मास में शुद्ध हो जाता है। इसके बाद किसी भी शुभ मुहूर्त में बच्चे का नामकरण किया जा सकता है।
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बच्चे का नाम उसके जन्म के समय ग्रहों की खगोलीय स्थिति के अनुसार नक्षत्र राशि का विवेचन कर के रखा जाता है। इसे आप राशि नाम भी कह सकते हैं। भविष्य फल के लिए शिशु की इसी राशि का प्रयोग किया जाता है। विवाह समय भी कुंडली मिलान भी राशि नाम के अनुसार ही किया जाता है। बच्चे के नामकरण के लिए बच्चे के जन्म समय, जन्म तिथि और जन्म स्थान का ज्ञात होना आवश्यक है।
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बच्चे का नक्षत्र और राशि क्या है 19/11/2020
दिनमे 12:19 मिनट अहमदाबाद गुजरात मे हुआ है
हिंदू rajput
Janm ke anusar mlname karan
Ambika
Jann date 7/2/2006
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