अब तक हमने आपको जन्मकुंडली में बनने वाले कई तरह के दोषों और उपायों के बारे में बताया है। आज भी हम आपको जन्मकुंडली में बनने वाले एक महत्वपूर्ण दोष के बारे में बताने जा रहे हैं। जी हां, केमद्रुम दोष अन्य दोषों की तरह अनिष्टकारी तो नहीं है लेकिन ये दोष आपसे आपको घर, सुख,चैन सब कुछ छीन सकता है।
अगर आपकी कुंडली में केमुद्रम दोष बन रहा है तो आप इससे जुड़ी ये जानकारी जरूर जान लें..
कैसे बनता है केमद्रुम दोष
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार चंद्रमा द्वारा केमुद्रुम योग का निर्माण होता है। माना जाता है कि यह योग ज्यादा अनिष्टकारी नहीं होता। इस योग में व्यक्ति को सदैव अशुभ प्रभाव ही नहीं मिलते अपितु इस योग में व्यक्ति को जीवन में आ रही परेशानियों से संघर्ष करने और जूझने की क्षमता एवं शक्ति भी मिलती है। चंद्रमा से द्वितीय और द्वादश स्थान में किसी भी ग्रह के न होने पर केमद्रुम योग बनता है।
इसके अलावा यदि चंद्र किसी ग्रह के साथ युति में न हो या चंद्रमा पर किसी अन्य शुभ ग्रह की दृष्टि न पड़ रही हो तो भी केमद्रुम योग का निर्माण होता है। ध्यान रहे इस योग के निर्माण में छाया ग्रह कहे जाने वाले राहु-केतु की गणना नहीं की जाती है।
केमद्रुम दोष का प्रभाव
इस दोष से पीडित जातक को स्त्री, अन्न, घर, वस्त्र और परिवार का सुख नहीं मिल पाता है। ये हर तरह से गरीब होते हैं। ना तो इनके पास पैसा होता है और ना ही परिवार। ये तो अन्य दोषों से भी ज्यादा खतरनाक है क्योंकि यहां तो खोने के लिए आपके पास कुछ है ही नहीं। केमुद्रम दोष से ग्रस्त जातक के पास अपनी आय का कोई साधन नहीं होता है। यह अल्पबुद्धि, मलिन वस्त्र धारण करने वाले और नीच प्रवृत्ति के व्यक्ति होते हैं।
केमद्रुम दोष है अभाव से ग्रस्त जीवन
इस दोष से पीडित जातक के पास कुछ भी नहीं होता है। ना तो उसके पास पैसा होता है और ना ही तन ढकने के लिए वस्त्र। ज्योतिष में इस दोष को दुर्भाग्य का सूचक कहा गया है। आपने रास्ते में किसी भिखारी को चलते हुए देखा होगा, हो सकता है कि उनकी कुंडली में केमद्रुम दोष हो। अब तो आप समझ ही गए होंगें कि आपकी कुंडली में इस दोष का होना कितना खतरनाक है।
गरीब बना देता है केमद्रुम दोष
इस दोष का सबसे अनिष्टकारी प्रभाव यही है कि ये जातक को निर्धन बना देता है और उसे अपने पूरे जीवन में दुख भोगने पड़ते हैं। इनकी आर्थिक स्थिति खराब ही नहीं बल्कि बदतर हो जाती है। इन्हें परिवार का सुख तो मिलता ही नहीं है और संतान से भी कष्ट प्राप्त होता है।
दोष निवारण के लिए रत्न नहीं हैं ईलाज
आमतौर पर रत्नों को उससे संबंधित ग्रह को शांत करने के लिए धारण किया जाता है और चंद्रमा का रत्न केवल उसे शांत कर सकता है। हम ये नहीं कह रहे हैं कि इस दोष में रत्न पूरी तरह से निष्प्रभावी है। आपको इसे धारण करने से लाभ तो होगा लेकिन उतना नहीं जितना की इस दोष को शांत करने के लिए जरूरत होती है। आप रत्न धारण कर सकते हैं लेकिन इसके अलावा भी आपको कई अन्य उपाय करने ही होंगें तभी इस दोष के दुष्प्रभाव में कमी आएगी।
केमद्रुम दोष का एकमात्र उपाय
जी हां, इस दोष को शांत करने का सबसे सरल और सर्वोत्तम उपाय है पूजा। पूजा के दौरान चंद्रमा के साथ-साथ अन्य ग्रहों के मंत्रों से इस दोष को शांत किया जाता है। अगर आप इस दोष की पूजा करवाएं तो आपको शीघ्र अति शीघ्र इस दोष के प्रभाव से छुटकारा मिल सकता है।
आप पं. सूरज शास्त्री से भी इस दोष निवारण पूजा करवा सकते हैं। इस पूजा हेतु आपका नाम, आपके पिता का नाम और आपके पूर्वजों का नाम लेना जरूरी होता है, तभी इस दोष से आपको मुक्ति मिल सकती है। अगर आप अपने जीवन को सुखी बनाना चाहते हैं तो तुरंत इस नंबर पर कॉल करके पूजा के लिए शुभ मुहुर्त बुक करें : 8285282851