दूसरों पर अत्‍याचार करते हैं तो आपकी कुंडली में हो सकता है ये दोष

जन्‍मकुंडली के ग्रहों के आधार पर ही हमारे जीवन में शुभ और अशुभ घटित होता है। कुंडली में ग्रहों की प्रतिकूल यानि अशुभ स्थिति के कारण कई तरह के दोषों का निर्माण होता है और इन्‍हीं में से एक है अंगारक दोष। अन्‍य दोषों की तरह ये दोष भी जीवन पर ग्रहण लगा सकता है। आइए जानते हैं इस दोष के बारे में …

कब बनता है अंगारक दोष

अगर कुंडली में राहु और केतु में से किसी एक के साथ दृष्टि से मंगल ग्रह का संबंध बन जाए तो उस कुंडली में अंगारक योग बनता है।

ऐसा जरूरी नहीं है कि अंगारक योग बनने पर अशुभ प्रभाव ही मिले लेकिन इसका अशुभ प्रभाव तब मिलता है जब मंगल, राहु या केतु दोनों ही अशुभ स्‍थान में बैठे हों। इसके अलावा यदि कुंडली में मंगल तथा राहु-केतु में से कोई भी शुभ स्थान में है तो जातक के जीवन पर अधिक नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। लाल किताब में अंगारक योग को पागल हाथी या बिगड़ा शेर का नाम दिया गया है।

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अंगारक दोष का प्रभाव

इस दोष से पीडित जातकों को बहुत गुस्‍सा आता है। ये लोग निर्णय लेने में बहुत असक्षम होते हैं। इन्‍हें समझ ही नहीं आता कि इन्‍हें क्‍या करना है और क्‍या नहीं। अंगारक दोष से पीडित जातक को अग्‍निभय, रक्‍त और त्‍वचा संबंधित रोग आदि हो सकते हैं।

अंगारक दोष के प्रभाव के कारण जातक का स्‍वभाव आक्रामक, हिंसक और दुराचारी हो जाता है। इनकी अपने रिश्‍तेदारों और करीबियों से ही अनबन रहती है। इनकी किसी दुर्घटना के होने के भी योग बने रहते हैं। इन्‍हें कोई ना कोई रोग जरूर रहता है। इनके व्‍यापार और वैवाहिक जीवन पर भी अंगारक दोष का बुरा प्रभाव पड़ता है।

अंगारक दोष निवारण के लिए रत्‍न नहीं हैं ईलाज

आमतौर पर रत्‍नों को उससे संबंधित ग्रह को शांत करने के लिए धारण किया जाता है और रत्‍न केवल उसे शांत कर सकते हैं। हम ये नहीं कह रहे हैं कि इस दोष में रत्‍न पूरी तरह से निष्‍प्रभावी है। आपको रत्‍न धारण करने से लाभ तो होगा लेकिन उतना नहीं जितना की इस दोष को शांत करने के लिए जरूरत होती है। आप रत्‍न धारण कर सकते हैं लेकिन इसके अलावा भी आपको कई अन्‍य उपाय करने ही होंगें तभी इस दोष के दुष्‍प्रभाव में कमी आएगी।

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अंगारक दोष का एकमात्र उपाय

जी हां,  इस दोष को शांत करने का सबसे सरल और सर्वोत्तम उपाय है पूजा। पूजा के दौरान इस दोष से संबंधित ग्रह और नक्षत्रों के मंत्रों से इस दोष को शांत किया जाता है। अगर आप इस दोष की पूजा करवाएं तो आपको शीघ्र अति शीघ्र इस दोष के प्रभाव से छुटकारा मिल सकता है।

आप पं. सूरज शास्‍त्री से भी इस दोष निवारण पूजा करवा सकते हैं। इस पूजा हेतु आपका नाम, आपके पिता का नाम और आपके पूर्वजों का नाम लेना जरूरी होता है, तभी इस दोष से आपको मुक्‍ति मिल सकती है। अगर आप अपने जीवन को सुखी बनाना चाहते हैं तो तुरंत इस नंबर पर कॉल करके पूजा के लिए शुभ मुहुर्त बुक करें :  8285282851

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