अमावस्या श्राद्ध – अज्ञात मृत्यु तिथि वाले पितरों के लिए विशेष पूजा

अमावस्या श्राद्ध का महत्व

हिंदू धर्म में श्राद्ध कर्म को अत्यंत पवित्र माना गया है। सामान्यतः श्राद्ध व्यक्ति की मृत्यु तिथि पर किया जाता है, लेकिन जिनके बारे में सही मृत्यु तिथि ज्ञात न हो, उनका श्राद्ध अमावस्या के दिन किया जाता है।

अमावस्या को पितरों का दिन कहा गया है। इस दिन किया गया श्राद्ध सभी पितरों को तृप्त करता है, विशेषकर उन आत्माओं को जिनकी मृत्यु अकाल हुई हो, या जिनका अंत्येष्टि संस्कार विधिवत न हो पाया हो।


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✅ आपके नाम और गोत्र से व्यक्तिगत संकल्प लिया जाएगा।
✅ विधिवत पितृ पूजन, पिंडदान और तर्पण कराया जाएगा।
पितृ गायत्री मंत्र का 108 बार जप किया जाएगा।
✅ ब्राह्मण भोजन और दान कराया जाएगा।
✅ पूरी पूजा लाइव ऑनलाइन या आपके behalf पर शास्त्रसम्मत विधि से होगी।

पितृ गायत्री मंत्र

ॐ पितृदेवाय विद्महे जगत् धारिण्ये धीमहि ।
तन्नो पितरः प्रचोदयात् ॥

इसका 108 बार जप करने से पितृदोष शांत होता है और आत्माओं को शांति मिलती है।

अमावस्या श्राद्ध के लाभ

  • पितरों की आत्मा को तृप्ति और शांति मिलती है।

  • परिवार से पितृदोष दूर होता है।

  • संतान सुख, आर्थिक समृद्धि और घर में शांति आती है।

  • नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।

  • पूर्वजों का आशीर्वाद पूरे परिवार को प्राप्त होता है।

👉 तो यदि आपके परिवार में किसी की मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं है या आप अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध करना चाहते हैं, तो आज ही AstroVidhi Online Amavasya Shraddh बुक करें।

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