दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, रोशनी और खुशियों का पर्व है। इस दिन अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की विजय का उत्सव मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान राम अयोध्या लौटे थे और पूरे नगर को दीपों से सजाया गया था। साथ ही यह दिन माता लक्ष्मी के घर-घर आगमन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
दिवाली 2025 की तिथि और पर्व क्रम
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धनतेरस – 18 अक्टूबर 2025 (शनिवार)
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नरक चतुर्दशी / छोटी दिवाली – 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार)
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लक्ष्मी पूजन / मुख्य दिवाली – 21 अक्टूबर 2025 (मंगलवार)
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गोवर्धन पूजा – 22 अक्टूबर 2025 (बुधवार)
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भाई दूज – 23 अक्टूबर 2025 (गुरुवार)
👉 इस साल लक्ष्मी पूजन 21 अक्टूबर 2025, मंगलवार को होगा।
दिवाली पूजा विधि
पूजा से पहले तैयारी
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घर की अच्छी तरह सफाई और सजावट करें।
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दरवाजे पर रंगोली और दीपक सजाएँ।
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मुख्य द्वार पर लक्ष्मी जी के चरणों के निशान बनाएं।
आवश्यक सामग्री
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लक्ष्मी–गणेश जी की मूर्तियाँ
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दीपक, धूप, अगरबत्ती
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अक्षत (चावल), कुमकुम, हल्दी
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फूल और माला
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पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर)
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मिठाई, फल और प्रसाद
पूजा विधि (Step by Step)
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शुभ मुहूर्त में पूजा स्थल पर बैठें और दीपक जलाएँ।
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श्री गणेश जी की पूजा करें और “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें।
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इसके बाद माता लक्ष्मी का पूजन करें—फूल, अक्षत, कुमकुम और पंचामृत अर्पित करें।
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108 बार “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जाप करें।
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लक्ष्मी–गणेश जी की आरती करें।
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दीपक जलाकर घर के कोनों में रखें और पूरी रात दीप जलने दें।
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पूजा के बाद प्रसाद बाँटें और परिवार सहित आरती करें।
दिवाली पर करने योग्य खास उपाय
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लक्ष्मी–गणेश दोनों की पूजा करें – धन और बुद्धि दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
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ॐ चिन्ह बनाएं – घर के प्रवेश द्वार पर “ॐ” का चिन्ह बनाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है।
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लक्ष्मी गायत्री मंत्र का जाप करें –
“ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मिः प्रचोदयात्”
इसे 108 बार जपने से धन-समृद्धि आती है। -
दान-पुण्य करें – जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और धन दें, इससे लक्ष्मी माता प्रसन्न होती हैं।
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शंख बजाएँ – घर में सकारात्मक तरंगें और शुभता बढ़ती है।
आपको और आपके परिवार को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ! 🌸🪔
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