जन्माष्टमी तिथि व मुहूर्त (2025)
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अष्टमी तिथि शुरू होगी: 15 अगस्त 2025, रात 11:49 बजे से
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और समाप्त होगी: 16 अगस्त 2025, शाम 09:34 बजे
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जन्मोत्सव मनाया जाएगा: 16 अगस्त 2025 (शनिवार), क्योंकि अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का योग उसी दिन होता है – इसे उदय तिथि नियम अनुसार सही माना जाता है
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शुभ पूजामुहूर्त: रात 12:04 AM से 12:47 AM तक माना गया है, कृष्णनिशीथ पूजा के लिए उपयुक्त समय
🕉️ जन्माष्टमी का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व
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यह त्योहार भगवान विष्णु के आठवें अवतार, श्री कृष्ण, के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह अष्टमी तिथि और कृष्ण पक्ष, भाद्रपद माह में आती है
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पौराणिक कथाओं के अनुसार विष्णु जी ने कंस के अत्याचार को मिटाने के लिए श्री कृष्ण रूप में जन्म लिया था। जन्माष्टमी का संदेश धर्म की रक्षा, पापों से मुक्ति, और भक्ति‑भाव की प्राप्ति का प्रतीक है
- 🛕 कैसे मनाएँ जन्माष्टमी?
पूजा-व्रत की विधि:
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पूर्व दिन पानी या फलाहार से आहार ग्रहण करें।
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16 अगस्त तक पूरे दिन व्रत रखें – केवल फलों, दूध, मखाने आदि सात्विक भोजन स्वीकार करें; अनाज, प्याज़-लहसुन से परहेज़ करें
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मध्यरात्रि में पूजा करें — भगवान की जन्म घड़ी में विशेष पूजा, झूला झूलना, आरती‑भजन और मंत्र जाप करें (षोडशोपचार आदि)
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उपवास का पारण: कुछ लोग पूजा के बाद ही करते हैं, लेकिन पारंपरिक रूप से यह अगले दिन सुबह सूर्योदय के बाद ग्रहण किया जाता है
पूजन सामग्री:
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लड्डू गोपाल के छोटे वेश-भूषा (पीले/हरे वस्त्र)
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पंचामृत, दूध‑दही‑शहद‑घी‑केसर‑चंदन‑हल्दी‑फूल‑तुलसी‑मौली‑रुई‑धूप‑दीप‑अक्षत आदि
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विशेष उपाय:
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बांसुरी घर में रखें: कहा जाता है कि इससे सकारात्मक ऊर्जा आती है, मनोकामना पुरानी हो सकती है, परिवार में शांति-समृद्धि आती है