सावन का महीना भगवान शिव और माता पार्वती की प्रेम-शक्ति का प्रतीक है।
माता पार्वती ने भी भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए वर्षों तक कठोर तप और सोमवार व्रत किया था। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर शिव ने स्वयं उनसे विवाह किया।
इसी परंपरा में आज भी कुँवारी कन्याएं, अविवाहित युवक-युवतियां या जीवनसाथी की तलाश में लगे लोग सावन सोमवार व्रत रखते हैं।
कैसे करें सावन सोमवार व्रत मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए?
🗓️ व्रत तिथि (2025 में):
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14 जुलाई, 21 जुलाई, 28 जुलाई, 4 अगस्त (उत्तर भारत के अनुसार)
व्रत विधि (विवाह योग के लिए विशेष):
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स्नान कर शिव मंदिर या घर पर शिवलिंग के सामने दीपक जलाएं।
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शिव जी को जल, दूध, बेलपत्र, सफेद फूल, अक्षत अर्पित करें।
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यह मंत्र जपें:
“ॐ नमः शिवाय” – कम से कम 108 बार
“हे शिव शंकर! जैसे माता पार्वती को मिला शिव, मुझे भी योग्य जीवनसाथी प्रदान करें।” -
शिव-पार्वती विवाह कथा पढ़ें या सुनें।
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दिनभर व्रत रखें – फलाहार या केवल एक बार सात्विक भोजन करें।
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शाम को आरती करें और संकल्प को दोहराएं।
इस व्रत से होने वाले लाभ:
लाभ | विवरण |
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✅ योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति | मनचाहा साथी मिले – चरित्रवान, समझदार और शुभ |
✅ विवाह में आ रही बाधा समाप्त | कुंडली दोष, समाजिक विघ्न दूर होते हैं |
✅ मनोकामना पूर्ति | सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक संतुलन मिलता है |
✅ प्रेम विवाह में माता-पिता की सहमति | शिव-पार्वती की तरह प्रेम में सम्मान और मंजूरी |
विशेष बातें ध्यान रखें:
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व्रत के दौरान संयम और सात्विकता बनाए रखें।
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मांस, मदिरा, झूठ, वाणी में कठोरता आदि से बचें।
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किसी जरूरतमंद को भोजन या वस्त्र का दान करें।
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मनोकामना गुप्त रखें – भगवान शिव से सीधे दिल से बोलें।