भगवान शिव, जिन्हें आशुतोष कहा जाता है – वे ऐसे देव हैं जो थोड़ी-सी भक्ति, सच्चे मन और श्रद्धा से शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। वे ना तो किसी की जाति देखते हैं, ना औपचारिकता। वे तो केवल भक्ति और भाव के भूखे हैं।
क्यों कहा जाता है शिव को “आशुतोष”?
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“आशुतोष” का अर्थ होता है – जल्दी प्रसन्न होने वाला।
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शिव जी दया और करुणा के सागर हैं।
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उनके द्वार पर सभी समान हैं – देवता, मानव, राक्षस, पशु या योगी।
रावण से लेकर भक्त मार्कंडेय तक, शिव ने सभी को उनकी भावना अनुसार वरदान दिए। वो जो मांगते हैं, शिव जी उन्हें देने में संकोच नहीं करते — अगर मन सच्चा हो।
🙏 शिव जी से क्या मांग सकते हैं?
इच्छा | उपाय |
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✅ उत्तम जीवनसाथी | सावन सोमवार व्रत, शिव-पार्वती पूजन |
✅ संतान सुख | शिव चालीसा पाठ, रुद्राभिषेक |
✅ नौकरी/व्यापार में सफलता | शिव अभिषेक, “ॐ नमः शिवाय” मंत्र जाप |
✅ मानसिक शांति | ध्यान, शिव ध्यान, महामृत्युंजय मंत्र |
✅ रोग मुक्ति | जलाभिषेक, बेलपत्र अर्पण, महामृत्युंजय जाप |
✅ मोक्ष और आत्मिक उन्नति | शिव तांडव स्तोत्र, आत्म-चिंतन, सेवा भावना |
🪔 शिव जी से मांगते समय ध्यान रखने योग्य बातें
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मांगने से पहले खुद को शुद्ध करें – शरीर से भी और विचारों से भी।
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श्रद्धा रखें, जल्दी परिणाम की चिंता न करें।
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मांग के साथ कर्म भी करें, क्योंकि शिव भी “कर्म” को प्राथमिकता देते हैं।
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सिर्फ दुख में नहीं, सुख में भी शिव को याद करें।
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मांगने से बड़ा है समर्पण – जब आप समर्पित हो जाते हैं, शिव खुद आपकी चिंता करते हैं।
शिव की कृपा के कुछ ऐतिहासिक उदाहरण:
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पार्वती जी ने कठोर तप से शिव को पाया।
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रावण ने शिव तांडव से वरदान पाया, पर घमंड से सब गंवाया।
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भक्त मार्कंडेय को यमराज से बचा लिया क्योंकि वह शिवभक्त था।
🌈 शिव की भक्ति में मांगना नहीं, अपनाना है।
“शिव मांगने से नहीं, भाव में बस जाने से मिलते हैं।
जब आप स्वयं को शिव को समर्पित कर देते हैं,
तब शिव आपको खुद से भी अधिक देने लगते हैं।”
शिव भगवान से सच्चे मन से मांगो, लेकिन केवल भौतिक वस्तुएं नहीं – उनका आशीर्वाद, उनकी भक्ति, उनका साथ मांगो।
जो भक्त खुद को शिव के चरणों में समर्पित कर देता है, उसे फिर कुछ भी मांगने की ज़रूरत नहीं पड़ती – क्योंकि शिव सब दे देते हैं।
सुझाव:
🙏 शिव जी से मांगने के लिए यह मंत्र प्रतिदिन बोलें:
“ॐ नमः शिवाय। मम जीवनं सुखमयं कुरु।”