अगर आपके बच्चे आपकी बात नहीं मानते, अनुशासनहीन हो गए हैं, या बात-बात पर विरोध करते हैं, तो यह केवल पारिवारिक या सामाजिक कारण नहीं होते, बल्कि ज्योतिष के अनुसार कुछ विशेष ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव भी इसके पीछे हो सकता है। आइए जानते हैं किन ग्रहों की स्थिति खराब होने पर बच्चों का स्वभाव विपरीत हो सकता है:
🔴 1. चंद्रमा कमजोर या अशुभ हो
चंद्रमा मन का कारक है। अगर चंद्रमा पीड़ित हो (राहु, केतु या शनि के साथ हो), तो बच्चे का स्वभाव चिड़चिड़ा, जिद्दी और माता-पिता की बात न मानने वाला बन सकता है।
🔴 2. बुध खराब हो
बुध बुद्धि और संवाद का ग्रह है। जब यह अशुभ हो, तो बच्चा तर्क-वितर्क में पड़ता है, हर बात में बहस करता है और माता-पिता की बातों को तवज्जो नहीं देता।
🔴 3. गुरु (बृहस्पति) पीड़ित हो
गुरु बच्चों में संस्कार और नैतिकता के लिए जिम्मेदार ग्रह है। यदि गुरु कुंडली में नीच का हो या राहु/केतु/शनि से पीड़ित हो, तो बच्चा अनुशासनहीन, उद्दंड और माता-पिता का सम्मान न करने वाला बन सकता है।
🔴 4. राहु और शनि की दशा/दृष्टि
राहु भ्रम और विद्रोह का ग्रह है, जबकि शनि देरी और दूरी लाता है। इनकी बुरी दृष्टि या महादशा में बच्चा गुमराह हो सकता है, बड़ों की बातों का विरोध कर सकता है।
✅ समाधान (उपाय):
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हर सोमवार चंद्रमा शांति हेतु शिवलिंग पर कच्चा दूध अर्पित करें।
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बच्चे के लिए गुरु शांति यज्ञ या राहु-केतु दोष निवारण पूजा करवाई जा सकती है।
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रोज़ाना “ॐ नमः शिवाय” और “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें।
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बच्चे के नाम से बुध-बृहस्पति शांति पूजा विशेष लाभ देती है।
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चंडाल दोष निवारण पूजा
राहु शांति पूजा