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शनि ग्रह को शांत करता है:
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यदि कुंडली में शनि अशुभ हो या शनि की साढ़ेसाती/ढैय्या चल रही हो, तो जमुनिया पहनने से राहत मिलती है।
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धन-संपत्ति में वृद्धि:
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यह रत्न व्यापारियों, नौकरीपेशा लोगों और स्टूडेंट्स के लिए लाभकारी होता है।
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आर्थिक मामलों में स्थिरता और लाभ मिलता है।
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मन को स्थिर करता है:
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मानसिक तनाव, डर, बेचैनी और अनिद्रा जैसी समस्याओं में राहत देता है।
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न्याय और अनुशासन से जुड़ी फील्ड में फायदा:
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वकील, जज, पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी आदि के लिए यह रत्न बहुत शुभ माना जाता है।
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कर्म सुधारने में मदद करता है:
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शनि ग्रह हमारे कर्मों का कारक होता है। जमुनिया पहनने से व्यक्ति अपने कर्म के प्रति जिम्मेदार और अनुशासित बनता है।
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बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करता है:
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इसे पहनने से ऊपरी बाधा, टोना-टोटका, और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा मिलती है।
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हड्डियों और जोड़ों से जुड़ी समस्याओं में राहत:
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विशेषकर गठिया, पीठ दर्द और घुटनों की समस्या में फायदेमंद माना जाता है।
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कैसे पहनें जमुनिया रत्न:
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धातु: चांदी या पंचधातु में धारण करें।
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उंगली: मध्यमा (मिडल फिंगर) में पहनें।
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दिन: शनिवार को, सूर्योदय के बाद।
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मंत्र:
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः
मंत्र का 108 बार जाप करें और रत्न को शुद्ध जल व कच्चे दूध से स्नान कराकर धारण करें।