शास्त्रों में लिखा है कि ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए मंत्र जाप सर्वोपरि विधि है। मंत्र का जाप करने से भगवान जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं एवं मंत्रों का निर्माण ही भगवान को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए किया गया है।
प्रत्येक भगवान से संबंधित अलग-अलग मंत्र होता है और उनका जाप करने की विधि भी अलग होती है। मंत्रों के जाप के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करने से मंत्र जाप का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
मंत्र का जाप करने में माला का बहुत महत्व होता है। शास्त्रों के अनुसार मंत्र जाप में माला का प्रयोग भी महत्वपूर्ण होता है। किस मनोकामना के लिए कौन-सी माला का प्रयोग करना है, ये जानना बहुत ही जरूरी होता है। साथ ही मंत्र जाप को लेकर कुछ नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करने पर ही आपको मनचाहे फल की प्राप्ति होती है।
मंत्र जाप की संख्या
जिस माला से आप मंत्र का जाप कर रहे हैं उसे जाप संख्या पूर्ण होने से पहले धारण न करें। मंत्र की जितनी जप संख्या का प्रण लिया है उसे अवश्य पूरा करें और उससे पहले माला को धारण न करें। मंत्र जाप का ये बहुत महत्वपूर्ण नियम है कि जिस माला से जाप कर रहे हैं उसकी जाप संख्या पूर्ण होने से पहले उसे धारण न करें।
माला को कहां रखें
माला को अत्यंत पवित्र माना जाता है इसलिए माला को पूजन स्थल में किसी साफ वस्त्र में लपेटकर ही रखें। मंत्र जाप से पूर्व रोज़ माला को धूप-दीप और नैवेद्य अर्पित करें। अगर आप माला का ध्यान रखेंगें तो उसकी पवित्रता और ऊर्जा बनी रहेगी और तभी वह आपको लाभ दे सकेगी।
कामनाओं की पूर्ति
किस कामना की पूर्ति के लिए आपको कौन-सी माला या कितने मणियों की माला का प्रयोग करना है, इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए। कामनाओं की पूर्ति के लिए 108 मणियों की माला का प्रयोग करने का विधान है। इसके अलावा अर्धसाधना के लिए 27 मणियों, मारण कार्यों के लिए 15 मणियों और कार्य सिद्धि के लिए 54 मणियों की माला का प्रयोग किया जाना चाहिए।
कैसे करें जाप
अगर आप किसी पर वशीकरण करना चाहते हैं या मन की शांति के लिए जाप कर रहे हैं तो अंगूठे के अग्रभाग से माला चलाएं। आकर्षण या सौंदर्य पाने के लिए जाप कर रहे हैं तो अंगूठे या अनामिका अंगुली से माला का जाप करें। मारण कार्यों के लिए मंत्र जाप कर रहे हैं तो अंगूठे व कनिष्ठिका अंगुली से जाप करें।
समस्या के अनुसार चुनें माला
समस्या के निवारण हेतु माला से मंत्रों का जाप किया जाता है। समस्या के अनुसार मंत्र का जाप तो होता ही है साथ ही माला का प्रयोग भी अपनी मनोकामना के अनुसार कर सकते हैं। अगर आप धन प्राप्ति के लिए मंत्र जाप कर रहे हैं तो स्फटिक की माला का प्रयोग करें। निरोगी काया के लिए तुलसी माला का प्रयोग लाभकारी रहता है।
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