हिंदू रीति-रिवाजों में घर में सुख-समृद्धि के लिए अनेक नियम बनाए जाते हैं जिनका पालन प्राचीन समय से होता आया है। इन नियमों को तोड़ने का साहस आजतक किसी ने भी नहीं किया। घर में सुख-समृद्धि से ही जुड़ा है साफ-सफाई में प्रयोग होने वाली झाड़ू से संबंधित नियम। यदि झाड़ू से संबंधित नियमों का पालन किया जाए तो हमारे घर में लक्ष्मी जी का वास होगा-:
लक्ष्मी का प्रतीक
– झाड़ू को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, इसलिए सूर्यास्त के बाद झाड़ू लगाना पूरी तरह से निषेध माना गया है। मान्यता है कि सूर्यास्त के बाद झाड़ू लगाने से लक्ष्मी जी रूठ जाती हैं।
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– झाड़ू को कभी भी खुले में न रखें। जब इसकी जरूरत न हो तो इसे नजरों के सामने से हटाकर रखें। ऐसा माना जाता है कि खुले में रखी झाड़ू घर एवं ऑफिस की सकारात्मक ऊर्जाओं को बाहर कर देती है।
पश्चिम दिशा
– झाड़ू को पश्चिम दिशा के कमरे में रखना सबसे अच्छा माना जाता है। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जाओं का वास नहीं रहता।
– ध्यान रहे, झाड़ू को कभी भी खड़ा कर के न रखें। खड़ी झाड़ू हमेशा अपशगुन का कारण मानी जाती है। झाड़ू को जमीन पर लेटा कर रखना ही बेहतर होता है।
टूटी हुई झाड़ू
– टूटी हुई झाड़ू का बिलकुल भी प्रयोग न करें। टूटी हुई झाड़ू का प्रयोग करने का मतलब है घर में अनेक परेशानियों को निमंत्रण देना।
– पुरानी झाड़ू बदलकर नई झाड़ू को निकालने के लिए शनिवार का दिन चुनें। यह शुभ माना जाता है।
पैर न लगाएं
– लक्ष्मी स्वरूपी झाड़ू को कभी पैर नहीं लगाना चाहिए। यह लक्ष्मी का अपमान माना जाता है एवं इसके कारण घर में अनेक प्रकार की आर्थिक परेशानियां जन्म लेती हैं।
– यदि झाड़ू को कभी धोना चाहें तो उसे केवल साफ पानी से ही धोएं। झाड़ू धोने के लिए गंदे पानी का प्रयोग करना उसका अपमान समझा जाता है। ऐसा करने से आपका घर कई तरह की परेशानियों से घिरा रहता है।
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